वायु प्रदूषण मामले में किसानों को विलेन बनाया जा रहा: सुप्रीम कोर्ट
दिल्ली में खतरनाक वायु प्रदूषण के मामले पर सुनवाई जारी है। पराली जलने से रोकने के लिए कोर्ट ने पंजाब सरकार को जमकर लताड़ लगाई। कोर्ट ने कहा, ‘समस्या यह है कि किसानों को खलनायक बनाया जा रहा है, लेकिन हमारे सामने वह नहीं हैं। हम उनसे नहीं पूछ सकते कि आप ऐसा क्यों कर रहे हैं। राज्य सरकार भी संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रही है।
सुनवाई के दौरान जब सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से पूछा कि उन्होंने बढ़ रहे वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए अब तक क्या किया है, इसका जवाब देते हुए पंजाब सरकार ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा और कहा कि अब तक एक हजार से ज्यादा एफआईआर दर्ज हुई हैं और दो करोड़ रुपए जुर्माना वसूला गया है, लेकिन अब धरना प्रदर्शन शुरू हो चुका है और कानून व्यवस्था का मसला बन रहा है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से कहा कि यह आपको संभालना है, हमने इंस्पेक्टर को जिम्मेदारी सौंपी है।
– सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि जुर्माना केवल लगाया है या वसूला भी है? इस पर पंजाब सरकार ने कहा कि जुर्माना लगाया है और वसूला जा रहा है।
– सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगली तारीख तक हम जानना चाहते हैं कि कितनी वसूली हुई? पंजाब सरकार ने कहा अन्य फसलों पर भी सब्सिडी दी जाने की जरूरत है।
– सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या एफआईआर जमीन मालिकों या अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज की गई है? सरकार ने इसका जवाब इसका जवाब देते हुए पंजाब के एडवोकेट जनरल ने कहा कि भूस्वामियों के खिलाफ 984 एफआईआर हैं।
पराली निपटान के मुद्दे को सुनते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बिहार की तारीफ की। जज ने कहा, बिहार में लोग हाथों से फसल काटते हैं, तो पराली की समस्या नहीं होती। पंजाब में भी कई छोटे किसान फसल अवशेष जलाने की बजाय बेच रहे हैं। बड़े किसानों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। उनको भी फायदा मिलेगा। राज्य सरकार को जरूरी मशीन उपलब्ध करवाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने के मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वायु प्रदूषण के मुद्दे पर किसानों को विलेन बनाया जा रहा है, उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। कोर्ट ने कहा कि उनेके पास पराली जलाने के कुछ तो कारण होंगे, हमें इस पर विचार करने की जरूरत है, आखिर ऐसा हो क्यो रहा है ?
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और NCR में खुले में कचरा जलाने पर सख्ती दिखाई। कोर्ट ने इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार और यूपी सरकार से रिपोर्ट मांगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पराली चाहे यहां जलाई जाए या 1 किलोमीटर दूर, ऐसा वहां(यूपी) में भी हो रहा है।