केजरीवाल की जमानत अवधि बढ़ाने की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट का तत्काल सुनवाई से इनकार

केजरीवाल की जमानत अवधि बढ़ाने की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट का तत्काल सुनवाई से इनकार

नई दिल्ली: मनी लॉन्ड्रिंग केस में जमानत पर बाहर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट से मेडिकल कंडीशन के आधार पर कुछ टेस्ट करवाने के लिए अंतरिम जमानत को 7 दिन बढ़ाने की मांग की थी। मंगलवार को उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने इस याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट की एक अवकाश पीठ ने कहा कि वह उनकी याचिका को केवल मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के पास भेजेंगे, जो तय करेंगे कि इस पर कब सुनवाई होगी। जस्टिस जेके माहेश्वरी और केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि सीजेआई इस याचिका को सूचीबद्ध करने पर उचित निर्णय लेंगे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी अंतरिम जमानत सात दिन बढ़ाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने गंभीर बीमारी के लक्षण बताते हुए इलाज के लिए समय मांगा है।

अरविंद केजरीवाल को ED मनी लॉन्ड्रिंग केस में 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। 50 दिन जेल में रहने के बाद उन्हें 10 मई को जमानत मिली थी। उनकी 21 दिन की जमानत 1 जून को खत्म हो रही है। वहीं, दिल्ली की लोकल कोर्ट ने केजरीवाल के खिलाफ ED की नई चार्जशीट पर संज्ञान लेने के मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है। ED ने 17 मई को राउज एवेन्यू कोर्ट में 18वीं चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें केजरीवाल और AAP को आरोपी बनाया था।

आम आदमी पार्टी की ओर से सोमवार को कहा गया था कि केजरीवाल का वजन सात किलोग्राम कम हो गया है और उनके शरीर में कीटोन का स्तर अधिक है। पार्टी ने कहा, ‘ये किसी गंभीर बीमारी के लक्षण हो सकते हैं। मैक्स अस्पताल के डॉक्टरों ने उनकी जांच की। उन्हें पीईटी-सीटी स्कैन और कई अन्य जाँचों से गुजरना होगा। उन्होंने जांच कराने के लिए सात दिन का समय मांगा है।’

इधर, दिल्ली की स्थानीय अदालत में भी दिल्ली आबकारी मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में सुनवाई हुई। ईडी ने इस मामले में गिरफ्तार आरोपी वकील विनोद चौहान और अरविंद केजरीवाल के बीच संबंध के दावे किए हैं। दिल्ली की अदालत में ईडी ने कहा कि उन्हें अरविंद केजरीवाल और मामले में आरोपी विनोद चौहान के बीच हुए मैसेज के सबूत मिले हैं। ईडी ने दावा किया कि भेजे गए मैसेज में जजों से मिलने का भी जिक्र है।

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