दिल्ली पुलिस ने 16 मस्जिदों में नहीं होने दी नमाज, विवाद बढ़ा तो दी सफाई
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान ने आरोप लगाते हुए कहा है कि शबे बरात के दिन दिल्ली के पंचशील इलाके की 16 मस्जिदों में पुलिस ने लोगों को नमाज नहीं पढ़ने दी।
जफरुल इस्लाम खान ने अपने ट्वीट में एक उर्दू अखबार की कटिंग शेयर करते हुए आरोप लगाया है कि पंचशील इलाके की 16 मस्जिदों में पुलिस ने लोगों को नमाज नहीं पढ़ने दी। जफरुल इस्लाम ने अपने ट्वीट में कहा कि शबे बरात के दिन लोगों को 16 मस्जिदों में नमाज पढ़ने से वंचित रखा गया हालाँकि मस्जिद वालों से कहा जा सकता था कि वह देर से नमाज पढ़ लें।
उन्होंने कहा कि जुमे की नमाज 1:00 से 2:00 बजे होती है जिसे 3:00 बजे कराया जा सकता था। लेकिन पुलिस ने तो उसे बंद ही करा दिया। यह ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि केवल यह बात मस्जिदों को बंद कराने तक ही सीमित नहीं है। कल इसी आधार पर वह मंदिर, गिरिजाघर, और गुरुद्वारों को भी बंद करा सकते हैं।
No namaz: Police disallowed Friday namaz in 16 mosques in Panchsheel area of Delhi. Imam of an old mosque said this is the first time in fifty years that namaz was stopped here. From today's Inquilab. pic.twitter.com/dNdCHwKgT0
— Zafarul-Islam Khan (@khan_zafarul) March 20, 2022
ज़फरुल इस्लाम ने एक बातचीत में कहा कि मैंने अपने ट्वीट के साथ उर्दू अखबार की कटिंग भी शेयर की है। हम समझ सकते हैं कि शबे बरात और होली एक ही दिन थी। इसलिए हो सकता है कि पुलिस को यह लग रहा हो के किसी तरह का विवाद हो सकता है जिसके बाद उन्होंने ऐसा कदम उठाया, लेकिन मेरी अपनी निजी राय यह है कि अगर उस दिन मस्जिद के सामने पुलिस तैनात होती तो जुमे की नमाज पढ़ने में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होती।
इस मुद्दे पर पंचशील पुरानी मस्जिद के इमाम हबीब इलाही ने कहा कि हमारे यहां नमाज का वक्त 2:00 था लेकिन पुलिस पहले ही आ गई। जुमें के दिन मस्जिद को बंद करा दिया गया और बाद में पुलिस चली गई। उन्होंने कहा ऐसा कई बार हुआ है जब होली और शबे बरात एक ही दिन मनाई गई है लेकिन कभी भी यहां मस्जिद को बंद नहीं किया गया।
इस मुद्दे पर दिल्ली पुलिस ने कहा है कि इससे पहले कई बार शबे बरात के अवसर पर बाइकर्स हुड़दंग मचाते हुए देखे गए हैं। कानून व्यवस्था बिगड़ने का डर रहता है। शुक्रवार को होली के साथ-साथ शबे बरात भी थी इसलिए कानून व्यवस्था बनाए रखने के कड़े इंतजाम किए गए थे। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए ही लोगों को देर शाम इन इमारतों में दाखिल नहीं होने दिया गया।
ज़फरुल इस्लाम खान के आरोपों पर दिल्ली पुलिस की पीआरओ सुमन नलवा ने कहा कि वह जिन मस्जिदों की बात कर रहे हैं वे सभी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की निगरानी वाले स्मारक हैं। इनमें सूरज उगने से पहले और दिन ढलने के बाद प्रवेश नहीं दिया जाता।