अल्पसंख्यक छात्रों के लिए कक्षा पहली से आठवीं तक की केंद्रीय छात्रवृत्ति बंद कर दी गई है

अल्पसंख्यक छात्रों के लिए कक्षा पहली से आठवीं तक की केंद्रीय छात्रवृत्ति बंद कर दी गई है

केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के साथ की जा रही बदसलूकी एक बार फिर सामने आई है। केंद्र सरकार ने अल्पसंख्यक समुदाय के गरीब छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति के तहत 1,000 रुपये से 5,000 रुपये प्रति वर्ष की आर्थिक सहायता को अचानक बंद करने का फैसला किया है। यह फैसला 25 नवंबर 2022 को लिया गया और इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. छात्रवृत्ति फॉर्म भरने की समय सीमा दो बार बढ़ाए जाने के बाद यह निर्णय लिया गया है। न केवल नए स्कॉलरशिप फॉर्म बल्कि रिन्यूअल फॉर्म भी रिजेक्ट कर दिए गए हैं।

केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के तहत प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप के तहत पहली से 10वीं क्लास में पढ़ने वाले गरीब छात्रों को आर्थिक सहायता दी जाती थी, लेकिन अब यह स्कॉलरशिप पहली से 8वीं क्लास के स्टूडेंट्स को नहीं दी जाएगी। अब यह सहायता केवल 9वीं और10वीं में पढ़ने वाले छात्रों को मिलेगी। यह निर्देश 25 नवंबर 2022 को जारी किया गया है। यह निर्देश ऐसे समय में जारी किया गया है जब हजारों की संख्या में अल्पसंख्यक छात्रों ने इसे लेने के लिए ऑनलाइन फार्म भरे हैं।

इस निर्देश के बाद अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की ओर से कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों के फॉर्म को रिजेक्ट कर दिया गया है. एक सरकारी अधिसूचना के अनुसार, शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009,सरकार के लिए प्रत्येक बच्चे को मुफ्त और अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा (कक्षा 1 से 8 तक) प्रदान करना अनिवार्य बनाता है। इसी तरह अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत चालू शैक्षणिक वर्ष से अब केवल कक्षा 9 व 10 के लिए ही होगा।

संस्थान नोडल अधिकारी (आईएनओ), जिला नोडल अधिकारी (डीएनओ), राज्य नोडल अधिकारी (एसएनओ) अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत केवल नौवीं और दसवीं कक्षा के आवेदनों की पुष्टि कर सकता है। गौरतलब हो कि नगर निगम के एक नोडल अधिकारी ने भी इस निर्देश के जारी होने की पुष्टि की है।

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