केंद्र सरकार, लोगों की नहीं बल्कि कंपनियों की सरकार है: राकेश टिकैत

Kisan Aandolan: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसान बीते चार महीने से आंदोलन कर रहे हैं. इस दौरान सरकार और किसानों के बीच बातचीत के कई दौर चले लेकिन दोनों के बीच सहमति नहीं बन पाई। अब गाजीपुर बार्डर पर दोबारा किसानों को जुटाने की कोशिश में राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) पंचायत कर रहे हैं. गाजीपुर बार्डर से करीब 60 किमी दूर हापुड़ के किसान नगाड़ा बजाकर आंदोलन को गति देने को तैयार हैं

बता दें कि देशभर में पंचायत करने वाले किसान नेता राकेश टिकैत दिसंबर के बाद पहली बार हापुड़ में पंचायत करने पहुंचे तो बग्गी पर बैठाकर किसानों ने स्वागत किया. भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने पंचयत को सम्बोधित करते हुए कहा: “अब मीडिया को भी खरीदा जा रहा है. खबर छनकर आ रही हैं.”

उन्‍होंने ये भी कहा कि अब to भारतीय खाद्य निगम FCI के गोदाम को तोड़ना होगा. आलू के दो रुपए किलो रेट हैं, वहीं गोदाम में बंद होता है तब 40 रुपए में बिकता है. जब गोदामों में माल भरा जाएगा तब यह महंगा बाजार में बिकेगा, ऐसे में उपभोक्ता भी मरेगा. उन्‍होंने कहा कि दिल्ली में 25 हजार ट्रैक्टर हैं लेकिन मीडिया दिखाता नहीं है।

राकेश टिकैत ने कहा: गुजरात के बाद अब यहां भी अडानी आएगा, खेती करेगा. अब बीज का कानून आएगा. सरकार बताएगी कि क्या बोना है. आपको आंदोलन करना होगा मैं आप सबके बीच ये साफ़ कर देना चाहता हूँ कि 2021 का साल आंदोलन का है. जब जरूरत होगी तो किसान गाजीपुर बार्डर पर आएगा.

अभी सरकार चुनाव लगी हुई है दिल्ली में कोई नहीं है. सरकार में बीजेपी के लोग नहीं, कंपनियों की सरकार है, इसीलिए सरकार से बात नहीं हो पा रही है. तिजोरियों में रोटी बंद हो जाएगी , इसीलिए आंदोलन चलाना पड़ेगा.

गौरतलब है कि उत्‍तर प्रदेश में गेहूं और गन्ने की कटाई और साथ ही पंचायत चुनाव के चलते गाजीपुर बार्डर पर किसानों की संख्या घटी है. इस लिए राकेश टिकैत ने सभी जाति और धर्म छोड़कर गाजीपुर बार्डर पर पहुंचने को कहा ताकि बड़ी तादाद में किसानों को इखट्टा करवा कर फिर से सरकार पर दबाव बनाया जा सके

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