पटना: कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे किसानों पर पुलिस से भांजी लाठियां

केंद्र सरकार के बनाए गए के कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ देशभर के कई हिस्सों में किसानों का प्रदर्शन चल रहा है. दिल्ली पंजाब बॉर्डर पर हो रहे किसान आंदोलन (Farmers Protest) का असर आज बिहार (Bihar) में भी दिखने को मिला. पुरे बिहार से आये हुए किसानों ने नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करते हुए राजभवन की ओर मार्च किया. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और अन्य लेफ्ट संगठनों के सदस्यों ने राजभवन मार्च आयोजित किया.

यह मार्च पटना के मशहूर गांधी मैदान से शुरू हुआ और डाक बंगला चौक पर पुलिस ने बैरिकेड‍िंग और लाठियों का प्रयोग कर इसका रास्ता रोक दिया जिसके बाद झड़प शुरू हो गई. जिसमे कई लोग घायल हो गए और लाठी चार्ज के बाद कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिसवालों को दौड़ाया भी.

कहा जा रहा है कि इससे पहले, रैली शुरू होने के स्थान गांधी मैदान पर प्रदर्शनकारी, पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारियों के बीच झड़पें हुईं थीं क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने मैदान में केवल एक द्वार के रास्ते ही प्रवेश देने पर आपत्ति जताई थी.

पुलिस का कहना है कि यह प्रतिबंध भगदड़ जैसे हालातों से बचने के लिए लगाया गया था लेकिन प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि यह उनकी आवाज दबाने का प्रयास है.

बिहार राज्य किसान सभा के महासचिव अशोक प्रसाद सिंह ने कहा, “हम पिछले 34 दिनों से दिल्ली में बैठे अपने साथी किसानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए यहां जुटे हैं.”

आपको बता दें कि नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े किसान दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं. इनकी संख्या हजारों में है. किसानों और किसान संगठनों का कहना है कि नए कानून की वजह से कृषि क्षेत्र में निजी कंपनियों का प्रभाव बढ़ जाएगा और उनकी (किसान) आमदनी कम हो जाएगी.

प्रदर्शनकारी किसानों की मांग है कि कृषि कानूनों को रद्द या निरस्त किया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी दी जाए. सरकार और किसानों के बीच कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन ये बैठकें बेनतीजा रहीं. सरकार नए कानूनों को लेकर जारी गतिरोध को खत्म करने में फिलहाल विफल रही है. अगले दौर की बातचीत के लिए 40 किसान संगठनों के नेताओं को 30 दिसंबर को बुलाया गया है.

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