बसपा मंत्री पद के बिना नहीं करेगी किसी पार्टी का समर्थन
राजस्थान में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने में महज एक दिन का समय बचा हुआ है। 3 दिसंबर को नतीजे से पहले ही सभी दलों के नेताओं की धड़कने बढ़ गई हैं। वहीं, अब सबके मन में एक ही सवाल है कि क्या गहलोत सरकर दोबारा सत्ता में लौटकर रिवाज को तोड़ेगी या बीजेपी को बहुमत मिलेगा। हालांकि, यह पता 3 दिसंबर को विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद ही होगा।
राजस्थान के बसपा अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने दावा किया है कि राजस्थान में जिस तरह पार्टी ने चुनाव लड़ा है उसे देखते हुए करीब आधा दर्जन सीटों पर बसपा जीतकर आएगी। बसपा ने साफ कर दिया है कि पार्टी सुप्रीमो मायावती लगातार ये कहती हुई नजर आई हैं कि लगातार बसपा ने दो बार कांग्रेस को समर्थन देने का काम किया है। 2008 की बात हो या फिर 2018 की दोनों बार बसपा ने कांग्रेस को बिना शर्त समर्थन दिया, लेकिन दोनों बार कांग्रेस ने बसपा के विधायकों को तोड़ने और खरीदने का काम किया।
भगवान सिंह के मुताबिक, पार्टी सुप्रीमो मायावती ने साफ कर दिया है कि इस बार जो भी विधायक जीतकर आएंगे उनका समर्थन किसी भी पार्टी को बिना शर्त के नहीं दिया जाएगा। जीते हुए विधायकों को मंत्री बनवाया जाएगा और समर्थन भी उसी पार्टी को दिया जाएगा जो सत्ता में बसपा के विधायकों को शामिल करेगी। भगवन सिंह के बयान से इस बात के संकेत मिलते हैं कि, बसपा भाजपा को समर्थन दे सकती है।
चित्तौड़गढ़ में बीजेपी के बागी विधायक चंद्रभान सिंह आक्या के चुनाव जीतने की संभावनाएं सबसे ज्यादा बताई जा रही हैं। सूत्रों के मुताबिक खुद बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने चंद्रभान आक्या को फोन कर मिलने की बात कही। इधर, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे भी लगातार अपने समर्थक विधायक प्रत्याशियों से संपर्क कर रही हैं। उन्हें मिलने के लिए जयपुर भी बुला रही हैं।
भारत आदिवासी पार्टी के पास बीजेपी और कांग्रेस दोनों तरफ के नेताओं के फोन आ चुके हैं। बसपा भी निशाने पर है। आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल से कांग्रेस के कई नेता संपर्क साध चुके हैं। इधर वागड़ में करीब 10 सीटों पर जबरदस्त तरीके से चुनाव लड़ रही भारत आदिवासी पार्टी(बाप) ने भी गठबंधन के संकेत दे दिए हैं। पार्टी के प्रमुख विधायक राजकुमार रोत का कहना है कि उनकी पार्टी इस बार 10 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और सरकार बनाने की चाबी उनके पास है।