बीजेपी पैसे और ताकत के बल पर चुनाव जीतने की कोशिश कर रही: प्रियंका चतुर्वेदी
शिवसेना (यूबीटी) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि पार्टी चुनाव में जीत हासिल करने के लिए पैसे और ताकत का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने यह बयान एक ताजा घटनाक्रम के बाद दिया, जिसमें बीजेपी नेताओं पर चुनावी प्रक्रिया के दौरान कथित तौर पर अनियमितता के आरोप लगे हैं।
प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो काम चुनाव आयोग को करना चाहिए, वह अब जनता को करना पड़ रहा है। बीजेपी खुलेआम धनबल और सत्ता के बल पर लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को प्रभावित करने का प्रयास कर रही है। चुनाव आयोग को इस मामले में तुरंत संज्ञान लेना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा कि चुनाव आयोग में जनता का भरोसा कम हो रहा है। “हमारे नेताओं के बैग दिन-रात चेक किए गए, लेकिन कोई गड़बड़ी नहीं मिली। इसके विपरीत, बीजेपी नेता विनोद तावड़े का बैग चेक नहीं किया गया, जबकि उन पर पैसे बांटने का आरोप है। यह सीधा नियमों का उल्लंघन और सत्ता के दुरुपयोग का मामला है,” उन्होंने आरोप लगाया।
प्रियंका चतुर्वेदी ने इस बात पर जोर दिया कि चुनाव प्रक्रिया में जनता की भूमिका अब पहले से अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। उन्होंने कहा, “जनता को इस बार सतर्क रहकर अपने मताधिकार का उपयोग करना होगा ताकि लोकतंत्र की जड़े मजबूत बनी रहें।”
यह मामला आने वाले दिनों में राजनीतिक पारा और चढ़ा सकता है, क्योंकि महाराष्ट्र में चुनावी माहौल पहले से ही गरमाया हुआ है। विपक्षी पार्टियों ने एकजुट होकर बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और चुनाव आयोग से निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है।
महाराष्ट्र कांग्रेस ने भी साधा निशाना
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने इस मुद्दे पर बीजेपी को घेरते हुए कहा कि विनोद तावड़े प्रचार खत्म होने के बाद उस क्षेत्र में क्या कर रहे थे। उन्होंने दावा किया कि तावड़े का वहां रहना चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन है। पटोले ने कहा, “बीजेपी ने पहले भी महाराष्ट्र में सरकार तोड़ने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त की थी। अब हार के डर से वे महाराष्ट्र की जनता को पैसे देकर चुनाव जीतने की कोशिश कर रहे हैं।”
पटोले ने बीजेपी के इस कथित रवैये को “लोकतंत्र के लिए खतरनाक” बताते हुए चुनाव आयोग से तुरंत कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि बीजेपी का असली चेहरा जनता के सामने उजागर हो गया है, और यह समय है कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।