काशी, मोदी के दौरे से पहले मस्जिद को ज़बरदस्ती किया गेरुआ

काशी, मोदी के दौरे से पहले मस्जिद को ज़बरदस्ती किया गेरुआ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाराणसी यात्रा से पहले ही प्रशासन ने तानाशाही रवैया अपनाना शुरू कर दिया है।

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन करने के लिए 13 और 14 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी में होंगे। मोदी की काशी यात्रा को यादगार बनाने के लिए जहां भाजपा शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी उसी दिन काशी में उनके साथ बैठक करेंगे वहीं प्रशासन भी उनकी इस यात्रा को यादगार बनाने के लिए हर जतन कर रहा है।

इसी क्रम में वाराणसी प्रशासन ने विश्व मंदिर की और जाने वाले सभी रास्तों को गेरुआ रंग से रंग दिया है। विश्वनाथ मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते में स्थित एक मस्जिद को भी वाराणसी विकास प्राधिकरण ने बिना अनुमति लिए गेरुआ कर दिया है जिसे लेकर मुस्लिम समाज में नाराजगी है। काशी विश्वनाथ मंदिर की ओर जाने वाले रास्तों में एकरूपता लाने के दावे के साथ वाराणसी विकास प्राधिकरण ने मस्जिद को गेरुआ रंग में रंग दिया है।

लोगों का आरोप है कि उनसे पूछे बिना ही इमारतों को रंगा जा रहा है। विश्वनाथ मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते में बुलानाला क्षेत्र में स्थित एक काफी पुरानी मस्जिद भी है। सफेद रंग की इस मस्जिद को बुलानाला मस्जिद ही कहा जाता है। विकास प्राधिकरण ने सफेद रंग की मस्जिद को रातों-रात भगवा रंग से मिलते जुलते गेरुआ रंग से पोत दिया है। मस्जिद से जुड़े लोगों ने इसे तानाशाही रवैया मानते हुए रोष प्रकट किया है।

मस्जिद की देखरेख करने वाली मसाजिद कमेटी के मोहम्मद एजाज इस्लाही ने कहा कि रातों-रात मस्जिद का रंग बदल दिया गया है। अगर विकास प्राधिकरण को कुछ करना था तो एक बार मस्जिद समिति से भी बात कर लेनी चाहिए थी। यह मनमानी कार्यवाही एवं तानाशाही पूर्ण रवैया है। बुलानाला मस्जिद सफेद रंग की हुआ करती थी लेकिन अब उसका रंग केसरिया हो गया है। उन्होंने कहा कि हमने इस पर आपत्ति दर्ज कराई है और डीएम से मिलने की कोशिश भी की लेकिन हमारी मुलाकात नहीं हो सकी है। मस्जिद समिति ने इस बाबत काशी विश्वनाथ मंदिर कार्यालय में आपत्ति दर्ज कराई है।

मस्जिद समिति ने कहा कि हम मस्जिद का रंग फिर से सफेद कराएंगे और विकास प्राधिकरण से कोई खर्च भी नहीं लेंगे। जो नुकसान हुआ है वह हम खुद भरेंगे। उन्होंने कहा कि विकास प्राधिकरण की इस कारस्तानी से मुस्लिम समुदाय में नाराजगी है लेकिन शहर का माहौल कुछ ऐसा है कि कुछ कहा नहीं जा सकता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन करने आ रहे हैं और देश को यह संदेश देने की कोशिश भी की जा रही है कि जनता उनके साथ है लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।

मसाजिद कमेटी के ज्वाइंट सेक्रेटरी सैयद मोहम्मद यासीन ने विकास प्राधिकरण की इस कारस्तानी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि रातों-रात मस्जिद का रंग बदला जाना एक सोची समझी साजिश है। उन्होंने कहा कि हमने अधिकारियों तक बात पहुंचा दी है और आश्वासन दिया गया है कि मस्जिद का रंग फिर से सफ़ेद कर दिया जाएगा। मोहम्मद यासीन ने तथाकथित साजिश की ओर संकेत करते हुए कहा कि अगर काशी विश्वनाथ मंदिर की ओर जाने वाले रास्तों की सभी इमारतों को रंगा जाना था तो गुरुद्वारा को छोड़कर मस्जिद का रंग ही क्यों बदला गया ? उन्होंने बताया कि इस इलाके में और भी धार्मिक स्थल है। बुलानाला वाली मस्जिद को ही जोगिया रंग से मिलते जुलते रंग में क्यों रंगा गया?

धीरज अग्रवाल क्षेत्र में एक दुकान चलाते हैं। वह भी विकास प्राधिकरण की इस हरकत से नाराज हैं। उनका कहना है कि उनकी दुकान को भी मनमाने ढंग से रंग दिया गया है। प्रदेश के हालात ठीक वैसे हो गए हैं कि जिसकी लाठी उसकी भैंस। उन्होंने आरोप लगाया कि बनारस के माहौल को खराब करने की कोशिश की जा रही है और एक विशेष वर्ग को भड़काया जा रहा है। मस्जिदों पर बिना अनुमति के तानाशाही रवैया के तहत रंग रोगन किया जा रहा है। क्या भाजपा वाले विश्वनाथ कॉरिडोर को भी इसी रंग में रंग देंगे ?

उन्होंने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो आने वाली हर सरकार अपने अनुसार हरे और नीले रंग करा देंगे तब अभी सरकार में बैठे लोग सड़कों पर उतर जाएंगे।

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