विशालगढ़ मस्जिद पर हमला एक योजनाबद्ध साजिश, इसमें भिड़े के लोग शामिल: प्रकाश अंबेडकर
मुंबई: कोल्हापुर के विशालगढ़ में मस्जिद और मुस्लिम बस्ती में किया गया हमला, कोई संयोग नहीं बल्कि एक योजनाबद्ध साजिश का हिस्सा था। इसके पीछे मनोहर भिड़े के संगठन के लोगों का हाथ है।” इस तरह का गंभीर आरोप वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट प्रकाश बालासाहेब अंबेडकर ने नांदेड़ में शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान लगाया। इस मौके पर उनके साथ पार्टी के राज्य प्रवक्ता फारूक अहमद, राज्य उपाध्यक्ष सरोजित बंसोड़, जिला अध्यक्ष विट्ठल गायकवाड़, शिवा नरंगले, एडवोकेट अविनाश भूसिकर और अन्य जिम्मेदार लोग मौजूद थे।
मुस्लिम धार्मिक नेताओं को सेक्युलर पार्टियों से सवाल करना चाहिए
नांदेड़ दौरे पर वीबीए के प्रमुख ने मीडिया प्रतिनिधियों से बात करते हुए कहा कि “आने वाले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए विशालगढ़ हमले की योजना बनाई गई थी। इस मामले में मुस्लिम धार्मिक नेताओं और उलेमा को आगे बढ़कर उन सेक्युलर पार्टियों से सवाल करना चाहिए जिन्हें संसदीय चुनावों में समर्थन दिया गया था। उनसे सवाल करना चाहिए कि विशालगढ़ दंगे के मामले में उनका क्या रुख है? और वहां के प्रभावित मुसलमानों को न्याय दिलाने और आरोपियों को सजा दिलाने के लिए वे क्या प्रयास कर रहे हैं?”
केवल शब्दों की फटकार से काम नहीं चलेगा
विशालगढ़ मामले में हाईकोर्ट की तरफ से राज्य सरकार की फटकार का जिक्र करते हुए प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि “केवल शब्दों की फटकार से काम नहीं चलेगा, बल्कि इस मामले में अदालत को चाहिए कि वह राज्य सरकार को न्याय के कटघरे में खड़ा करे। मानसून के मौसम में किसी भी स्थान पर विध्वंसक कार्रवाई न करने के स्पष्ट आदेश होने के बावजूद विशालगढ़ में प्रशासन की तरफ से की गई विध्वंसक कार्रवाई सरासर गलत कदम है और इसके जरिए राज्य के शांति और व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई है।” प्रकाश अंबेडकर ने मराठा आरक्षण के मुद्दे पर कहा कि मनोज जरांगे पाटिल की तरफ से ओबीसी कोटे में आरक्षण देने की मांग किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं की जा सकती। यह ओबीसी समाज के साथ बहुत बड़ी नाइंसाफी होगी।
क्या है पूरा मामला ?
विशालगढ़, कोल्हापुर में मुस्लिम बस्ती पर हमला 14 जुलाई, 2024 को हुआ। इस घटना की शुरुआत तब हुई जब पूर्व सांसद संभाजी राजे छत्रपति और उनके समर्थकों ने विशालगढ़ किले की ओर एक मार्च निकाला। इस मार्च का उद्देश्य अतिक्रमण हटाना था, लेकिन इसके दौरान हिंसा भड़क उठी। गजापुर गांव, जो कि किले के पास स्थित है, में भीड़ ने मुस्लिम परिवारों की संपत्तियों को निशाना बनाया। इस दौरान ‘जय भवानी’, ‘जय शिवाजी’ और ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए भीड़ ने मकानों को लूटपाट और तोड़फोड़ की। एक मस्जिद को भी अंदर और बाहर से क्षतिग्रस्त किया गया। इस हमले में कई घरों, दुकानों, और वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया गया।
पुलिस ने इस हिंसा के सिलसिले में 500 से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और 21 लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस ने बताया कि इस घटना में छह नागरिक और 12 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। इस घटना के बाद कोल्हापुर के पुलिस अधीक्षक ने कहा कि अतिक्रमण विरोधी अभियान कोर्ट द्वारा स्थगित किया गया है और किसी भी सभा की अनुमति नहीं दी गई थी। पुलिस अब सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो और फोटो के माध्यम से अन्य संदिग्धों की पहचान करने का प्रयास कर रही है।


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