अडानी पर नया खुलासा ,कांग्रेस फिर हुई हमलावर

अडानी पर नया खुलासा ,कांग्रेस फिर हुई हमलावर

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मुंबई में प्रेस कांफ्रेंस कर अडानी मामले पर हुए नए खुलासे पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि, “2014 नवंबर में ऑस्‍ट्रेलिया के शहर ब्रिस्‍बेन में नौंवा जी20 शिखर सम्‍मेलन हुआ था। वहां हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी जी ने भाषण दिया और जी20 को कहा कि अंतर्राष्‍ट्रीय सहयोग होना चाहिए काले धन से लड़ने के खिलाफ़, काला धन इकट्ठा करने वालों के खिलाफ़, मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ़, जो काले धन को सफेद करते हैं… उनके खिलाफ़, जो शेल कंपनियां हैं दुनिया भर में… उनके खिलाफ़, जो टैक्‍स हेवन जगहें हैं… उनके खिलाफ़ हमारे प्रधानमंत्री ने अपनी ‘बुलंद आवाज़’ उठाई और मांग की कि जी20 को इस विषय पर नेतृत्‍व दिखाने की ज़रूरत है।”

जयराम रमेश ने कहा कि कि अब जबकि भारत में जी20 सम्मेलन हो जा रहा है तो “आज सभी अख़बारों में, अमेरिका के अख़बार, इंगलैंड के अख़बार, हमारे देश के अख़बारों में नया खुलासा हुआ है… जिस तरीके से एक प्रधानमंत्री के चहेते दोस्‍त, प्रधानमंत्री के पसंदीदा पूंजीपति ने शेल कंपनियों का इस्‍तेमाल किया है, सेबी के सारे नियमों का उल्‍लंघन हुआ है… ये सब खुलासा आज अख़बारों में है

फाइनेंशियल टाइम्स और द गार्जियन ने गुरुवार को ताजा सबूतों के साथ एक खुलासा किया है जिससे संकेत मिलते हैं कि गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी के करीबी लोगों और सहयोगियों ने गुपचुप तरीके से अडानी समूह की कंपनियों के शेयर खरीदे। हालांकि अडानी समूह इस साल मार्च तक विनोद अडानी की समूह में सक्रिय भूमिका से इनकार करता रहा है। लेकिन जो दस्तावेज सामने आए हैं कि समूह ने इस खरीदारी का इस्तेमाल शेयरोंकी कीमतों में हेरफेर करने के लिए किया था।

ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) की इस रिपोर्ट को अंग्रेजी अखबार द गार्जियन और फाइनेंशियल टाइम्स के साथ शेयर किया गया है। इसमें अडानी ग्रुप के मॉरीशस मे किए गए लेनदेन के बारे में खुलासा करने का दावा किया गया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक ग्रुप की कंपनियों ने 2013 से 2018 के बीच गुपचुप तरीके से अपने शेयरों को खरीदा।

कांग्रेस नेता ने कहा कि हमारी आज भी मांग है कि “माननीय प्रधानमंत्री जी, चुप्‍पी तोड़िए…।” जयराम रमेश ने बताया कि राहुल गांधी ने 7 फरवरी को लोकसभा में अपना भाषण दिया और आप जानते हैं वो भाषण देने का एक नतीजा… 20 दिन बाद उनका डिस्‍क्‍वालिफिकेशन हो गया लोकसभा से। ये बहुत गहरा मामला है, ये अडानी का मामला नहीं है…ये मोडानी का मामला है। प्रधानमंत्री और अडानी के बीच में क्‍या रिश्‍ता है… ये असली मुद्दा है।”

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