सुप्रीम कोर्ट ने 90 दिनों के लिए क़ैदियों को रिहा करने का दिया आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने 90 दिनों के लिए क़ैदियों को रिहा करने का दिया आदेश, कोरोना द्वारा खतरे की आशंका को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 90 दिन की पैरोल पर चयनित कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया है। इससे जेल में कैदियों की संख्या तुरंत कम हो जाएगी। 90 दिनों के बाद, सभी कैदी जेल लौट आएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में सभी राज्यों को एक समिति बनाने को कहा है। समिति तय करेगी कि कौन से कैदी रिहा होंगे और कौन से नहीं। छोटे अपराधों के दोषी कैदियों को पहली प्राथमिकता दी जाएगी।

देश में हर रोज़ कोरोना के रिकॉर्ड तोड़ मामले दर्ज किये जा रहे हैं पिछले चौबीस घंटे में भी चार लाख से ज़्यादा कोरोना संक्रमित मामले सामने आए हैं। विशेषज्ञ भी कोरोना के और बढ़ने की चेतावनी दे रहे हैं। इस बीच देश में कोरोना मामलों में असाधारण वृद्धि को ध्यान में रखते हुए, सर्वोच्च न्यायालय ने शनिवार को जेलों में भीड़ को कम करने का आदेश दिया। बता दें कि पिछले साल भी कुछ कैदियों को इसी तरह रिहा किया गया था।

अदालत ने फैसला सुनाया कि पिछले साल कोरोना के प्रकोप के मद्देनजर जिन कैदियों को जमानत या पैरोल दी गई थी, उन्हें फिर से वही सुविधा दी जानी चाहिए।

उर्दू न्यूज़ 18 के अनुसार मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ ने कहा कि जिन कैदियों को पिछले साल मार्च में उच्चतम न्यायालय के आदेश पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की उच्चस्तरीय समितियों द्वारा जमानत दी गई थी। समितियों द्वारा पुनर्विचार के बिना राहत दी जानी चाहिए, जिससे देरी से बचा जा सके।

कोरोना की इस दूसरी लहर में सुप्रीम कोर्ट ने भी कैदियों को पैरोल पर रिहा करने का आदेश दिया था। अब वो कैदी भी जेल में वापस आ चुके हैं। अब कैदियों को फिर से रिहा करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी ।

तीन दिनों से चार लाख से अधिक कोरोना मामले

पिछले तीन दिनों में कोरोना की दूसरी लहर के बीच देश में चार लाख से अधिक नए मामले सामने आए हैं। पिछले 24 घंटों में चार हज़ार से ज़्यादा कोरोना संक्रमित की मौत हुई है।

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