आयतुल्लाह ख़ामेनई का इस्लामी जगत के लिए हज संदेश

आयतुल्लाह ख़ामेनई का इस्लामी जगत के लिए हज संदेश

ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने इस वर्ष हज के पैग़ामे में हज के गहरे पहलुओं की तरफ़ इशारा करते हुए इस्लामी जगत के सामने मौजूद चुनौतियों और दुश्मन की चालों को रेखांकित किया है। ईरान की इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर हजरत आयतुल्लाह खामेनई ने इस्लामी दुनिया में जारी संकटों का उल्लेख करते हुए अपने सन्देश को अल्लाह के नाम के साथ कुछ इस तरह आरम्भ किया।

बिस्मिल्लाहि-र्रहमानि-र्रहीम

सारी तारीफ़ें उस ख़ालिक़ के लिए जो पूरी कायनात का परवरदिगार है और दुरूद और सलाम हो रसूले इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहो अलैहि व आलेही व सल्लम और उनकी पाक नस्ल तथा चुनिंदा साथियों पर।

सारी हिकमत और क़ुदरत के मालिक उस ख़ुदावन्दे आलम के शुक्रगुज़ार हैं कि जिसने इस साल एक बार फिर हज के मुबारक दिनों को उम्मते मुस्लिमा की वादा-गाह क़रार दिया है और अपने बन्दों के लिए अपनी रहमत का रास्ता उनके लिए खोला है। सारी दुनिया के मुस्लिम उम्मत एक बार फिर इस साफ़ और पाकीज़ा आईने में अपनी एकता, इत्तेहाद व समरस्ता की झलक देख सकते है और आपसी फूट व इख़्तेलाफ़ फैलाने वाले कारणों से दूरी बना सकते हैं।

सुप्रीम लीडर ने कहा कि इस्लामी जगत के मुसलमानों के लिए एकता हज के दो बुनियादी स्तंभों में से एक है, जो अगर ख़ुदा की याद और रूहानियत के साथ- जो इस रहस्यों से भरे फ़रीज़े का दूसरा स्तंभ है– मिल जाए तो मुसलमान क़ौम को इज़्ज़त और ख़ुशक़िस्मती की बुलंदी पर पहुंचा सकती है और उसे (इस आयत) “सारी इज़्ज़त तो सिर्फ़ अल्लाह, उसके पैग़म्बर और मोमिनों के लिए है (सूरा मुनाफ़ेक़ून आयत 8)” का अमल करने का आइडियल बना सकती है। हज इन दो सियासी व रूहानी पहलुओं का संग्रह है और पवित्र दीने इस्लाम, सियासत व रूहानियत का महान व भव्य मजमूआ है।

मौजूदा इतिहास में उम्मते मुस्लिमा के दुश्मनों ने इन दो निर्णायक आयामों अर्थात इत्तेहाद और रूहानियत को कमज़ोर बनाने के लिए हमारी उम्मत के बीच बड़ी गतिविधियां की हैं। वे रूहानियत को, पश्चिमी जीवन शैली का प्रचार व प्रसार करके, जो अध्यात्म से ख़ाली और संकीर्ण भौतिकवादी सोच का नतीजा है, ख़त्म करने की कोशिश कर रहे हैं और एकता व इत्तेहाद को भाषा, रंग, नस्ल और भौगोलिक सीमाओं जैसी बेबुनियाद बहसों में तीव्रता पैदा करके चुनौती दे रहे हैं।

उम्मते मुसलमा को, जिसका एक संक्षिप्त नमूना इस वक़्त हज के सांकेतिक संस्कारों में नज़र आ रहा है, अपने पूरे वजूद के साथ मुक़ाबले के लिए उठ खड़े होना चाहिए। यानी एक तरफ़ ख़ुदा की बातों पर तवज्जो व फ़िक्र, उसकी याद, और अल्लाह के वादों पर यक़ीन को अपने सामूहिक विवेक में मज़बूत बनाए और दूसरी तरफ़ इख़्तेलाफ़ व फूट पैदा करने वाले तत्वों को क़ाबू में करे। इस यक़ीन के साथ आज जो बात कही जा सकती हैं वह ये है कि इस समय दुनिया और इस्लामी जगत के हालात, इस मूल्यवान कोशिश के लिए पहले से अधिक अनुकूल हैं।

ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह ख़ामेनई ने अपने सन्देश में कहा कि पहली बात तो यह कि इस्लामी दुनिया में स्कालरों और बड़ी तादाद में अवाम का ज़ेहन अपनी क़ीमती रूहानी पूंजी की तरफ़ मुतवज्जेह हो चुका है और इसकी अहमियत व क़ीमत को महसूस कर रहा है। पश्चिमी देशों के सभ्यता के सबसे अहम तोहफ़े की हैसियत से आज लिब्रलिज़्म और कम्युनिज़्म अपनी सालों पहले वाली कशिश खो चुके हैं। पूँजी की धुरी पर घूमने वाली पश्चिम की डेमोक्रेसी की साख पर गंभीर प्रश्नवाचक चिन्ह लग चुके हैं और पश्चिमी स्कालर इस बात को मानते हैं कि वह अमल के शिनाख़्त और उसके पहलुओं से सरगर्दां हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस्लामी दुनिया में नौजवान, स्कालर और इल्म तथा इल्म के मैदान में सरगर्म लोग, यह अंजाम देखने के बाद अपनी रूहानी पूंजी और इसी तरह अपने मुल्कों में प्रचलित सियासी उसूलों के बारे में नया नज़रिया क़ायम कर रहे हैं। यह वही इस्लामी बेदारी है जिसका हम हमेशा ज़िक्र और इंतज़ार करते आये हैं।

आयतुल्लाह ख़ामेनई ने अपने दूसरे संदेश में यह कहा है कि इस इस्लामी बेदारी ने इस्लामी दुनिया के दिल में हैरतअंगेज़ प्रतिभा व करिश्माती रुजहान पैदा कर दिया है जिसका मुक़ाबला करने में साम्राज्यवादी ताक़तें बेबस हैं। इस रूजहान का नाम प्रतिरोध है और इसकी हक़ीक़त ईमान, अल्लाह की राह में जेहाद और ख़ुदा पर यक़ीन और भरोसे की ताक़त है। यह वही चीज़ है जिसके एक नमूने के बारे में इस्लाम के शुरुआती दौर में यह आयत नाज़िल हुई थीः

“वह कि जिनसे लोगों ने कहा कि लोगों ने तुम्हारे ख़िलाफ़ बड़ा लश्कर इकट्ठा किया है इसलिए तुम उनसे डरो- तो इस बात ने उनका ईमान और बढ़ा दिया- और उन्होंने कहा कि हमारे लिए अल्लाह काफ़ी है और वह बड़ा कारसाज़ है। तो यह लोग अल्लाह की इनायत और उसके फ़ज़्ल व करम से इस तरह (अपने घरों की तरफ़) लौटे कि उन्हें किसी क़िस्म की तकलीफ़ छुई भी नहीं थी और अल्लाह की ख़ुशी के आगे नत्मस्तक रहे और अल्लाह बड़े फ़ज़्ल व करम वाला है।” (सूरा आले इमरान आयत 173 और 174)

सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह ख़ामेनई ने अपने संदेश में फ़िलिस्तीन का ज़िक्र करते हुए कहा है कि फ़िलिस्तीन का मैदान इस हैरतअंगेज़ हक़ीक़त की तस्वीर की अक्कासी पेश करता है और इस चीज़ की वजह से सरकश ज़ायोनी शासन अपनी हमलावर स्थिति और शैतानी हरकतों को छोड़कर रक्षात्मक स्थिति अपनाने और पीछे हटने पर मजबूर हो गया है और वह खुली हुई सियासी, सुरक्षा और आर्थिक मुश्किलों में घिर गया है। प्रतिरोध के दूसरे शानदार नमूनों को लेबनान, इराक़, यमन और कुछ दूसरी जगहों पर साफ़ तौर पर देखा जा सकता है।

आयतुल्लाह ख़ामेनई ने अपने तीसरे संदेश में यह कहा है कि इन सबके साथ ही आज दुनिया इस्लामी देश ईरान में इस्लाम की ताक़त व राजनीति सिस्टम का कामयाब नमूना देख रही है। इस्लामी जुमहूरिया की मज़बूती, स्वाधीनता, प्रगति और प्रतिष्ठा एक आकर्षक व अर्थपूर्ण हक़ीक़त है जो हर बेदार मुसलमान के दिमाग़ और जज़्बात को अपनी ओर आकर्षित कर सकती है।
इस व्यवस्था के हम अधिकारियों की कमज़ोरी और कभी-कभी ग़लत कारगुज़ारी, जिसकी वजह से इस्लामी सरकार की सारी बर्कतों की प्राप्ति में विलंबता हुई, इस सिस्टम के मज़बूत स्तंभों व ठोस क़दमों को, जिनका आधार उसके बुनियादी उसूल हैं, कभी भी कमज़ोर नहीं कर सकी और न ही उसकी भौतिक व रूहानी प्रगति को रोक सकी। इन बुनियादी उसूलों में सबसे ऊपर क़ानून बनाने वालों और उसके क्रियानवयन में इस्लाम का प्रभुत्व, मुल्क के सबसे अहम प्रशासनिक मामलों में जनता की राय पर भरोसा, पूरी राजनैतिक स्वाधीनता और ज़ालिम ताक़तों की तरफ़ न झुकना है। यही उसूल मुसलमान क़ौमों और सरकारों की आपसी एकता व इत्तेहाद की बुनियाद की वजह बन सकते हैं और इस्लामी जगत को फ़ैसलों व सहयोग में एकजुट और इकठ्ठा कर सकते हैं।

यही वजह व तत्व हैं जिन्होंने इस्लामी जगत को आपस में मुत्तहिद, समन्वित व एकत्रित होकर आगे बढ़ने के लिए अनुकूल व मुनासिब हालात पैदा किए हैं। मुसलमान हुकूमतों, स्कालरों व धार्मिक हस्तियों, आज़ाद फ़िक्र रखने वालों व सत्य के फौजी नौजवानों को इन मुनासिब हालात से पहले से ज़्यादा फ़ायदा उठाने के बारे में दूसरों से बढ़कर सोचना चाहिए।

ज़ाहिर सी बात है कि साम्राज्यवादी ताक़तें और सबसे बढ़कर अमेरिका इस तरह के रुझान से फ़िक्रमंद हो और इसके ख़िलाफ़ अपने सभी संसाधन इस्तेमाल करे, इस समय ऐसा ही हो रहा है। मीडिया के मैदान में डिक्टेटरशिप और सॉफ़्ट वॉर के अनेक तरीक़ों से लेकर जंग शुरू करने और प्रॉक्सी वॉर को उकसाने तक और राजनैतिक उकसावे व जासूसी से लेकर धमकी, लालच और रिश्वत देने तक, ये सारी चीज़ें अमेरिका और दूसरी साम्राज्यवादी ताक़तों की ओर से इस्तेमाल की जा रही हैं, ताकि इस्लाम और उम्मते इस्लाम को बेदारी व कामयाबी के रास्ते से हटाया जा सके। इस विषय में भी मुजरिम और नफ़रतअंगेज़ ज़ायोनी शासन भी इस व्यापक हथकंडे का ही एक भाग है।

ख़ुदा की कृपा और इरादे से अधिकतर मौक़ों पर इनकी नापाक कोशिशें नाकाम रही हैं और घमंडी पश्चिम हमारे संवेदनशील इलाक़े और हालिया दिनों में पूरी दुनिया में दिन ब दिन कमज़ोर हुआ है। इलाक़े में अमेरिका और उसके मुजरिम साथी यानी नाजायज़ क़ब्ज़ा करने वाली ज़ायोनी शासन की परेशानियों और नाकामियों को फ़िलिस्तीन, लेबनान, सीरिया, इराक़, यमन और अफ़ग़ानिस्तान की घटनाओं में साफ़ तौर पर देखा जा सकता है। इसके मुक़ाबले में इस्लामी जगत, जोश व जज़्बे वाले नौजवानों से भरी हुई है। भविष्य सवांरने के लिए सबसे बड़ी संपत्ति उम्मीद व यक़ीन है जो आज इस्लामी दुनिया ख़ास तौर पर इस इलाक़े के मुल्कों में लहरें मार रहा है। हम सबकी ज़िम्मेदारी है कि इस पूंजी की हिफ़ाज़त करें और इसे बढ़ाएं।

सुप्रीम लीडर ने साथ ये भी कहा कि मगर इसके अलावा हमें दुश्मन की चालों से एक लम्हा भी ग़फ़लत नहीं होनी चाहिए। घमंड और लापरवाही से दूर रहना चाहिए और अपनी कोशिशों और बेदारी को बढ़ाना चाहिए। हर हाल में अल्लाह की ओर पूरा ध्यान होना चाहिए और गिड़गिड़ा कर सर्वशक्तिमान व तत्वदर्शी सिर्फ अल्लाह से मदद मांगनी चाहिए।

हज की क्रियाओं में शिरकत, अल्लाह पर तवक्कुल, दुआ और इसी तरह ग़ौर व फ़िक्र और फ़ैसले करने का बड़ा अहम मौक़ा है। पूरी दुनिया में अपने मुसलमान भाइयों और बहनों के लिए दुआ कीजिए और अल्लाह से उनकी कामयाबी के लिए मदद तलब कीजिए। अपने इस भाई की हिदायत व मदद की दुआ को भी अपनी दुआओं में शामिल कीजिए। अल्लाह का वादा सच्चा है जो अपनी राह में लड़ने वालों से किया है अगर तुम अल्लाह की मदद करोगे वह तुम्हारी मदद करेगा और तुम्हारे कदम जमा देगा।

आप सब पर सलाम और अल्लाह की रहमत हो
सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह सैयद अली ख़ामेनेई

5 ज़िलहिज्जा सन 1443 हिजरी क़मरी मुताबिक़ 5 जुलाई सन 2022

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Hot Topics

Related Articles