ईरान के साथ परमाणु समझौते से निकलना अमेरिका की भारी भूल

ईरान के साथ परमाणु समझौते से निकलना अमेरिका की भारी भूल अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन ने मंगलवार शाम को कहा कि ईरान के साथ 2015 के परमाणु समझौते से अमेरिका का हटना एक बड़ी गलती थी। उन्होंने कहा कि हम अभी भी मानते हैं कि कूटनीति ईरानी परमाणु चुनौती को हल करने का सबसे अच्छा तरीका है।

ईरान के साथ परमाणु समझौते पर अमेरिका के लिए गए इस निर्णय पर अमेरिकी विदेश मंत्री संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से हटने पर खेद व्यक्त करते हैं, जबकि वर्तमान अमेरिकी प्रशासन ईरान के खिलाफ पिछले अमेरिकी प्रशासन के अधिकतम दबाव की नीति को बनाए रखे हुआ है और 2015 के परमाणु समझौते के दौरान ईरान पर लगाए गए सभी प्रतिबंधों को हटाने से इनकार कर रहा है।

आपको बता दें कि परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए तेहरान और वाशिंगटन के बीच अप्रत्यक्ष वार्ता हुई थी, जिसमें तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 2018 में संयुक्त राज्य अमेरिका को वापस ले लिया था, वहीं इरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के इस्लामिक गणराज्य के राष्ट्रपति चुने जाने के दो दिन बाद 20 जून को यह वार्तालाप स्थगित कर दिया था।

ब्लिंकन ने यूक्रेन की चुनौती का भी जिक्र किया और कहा कि अगर रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो वाशिंगटन यूक्रेन को और अधिक रक्षा सहायता प्रदान करेगा।  उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि रूस यूक्रेन के खिलाफ और अधिक शत्रुतापूर्ण कार्रवाई नहीं करेगा । अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने मंगलवार शाम एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन गुरुवार को वलोडिमिर जेलेंस्की के साथ टेलीफोन पर बातचीत करेंगे।

 

 

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