नेतन्याहू के बाद अब वॉशिंगटन में ट्रंप के ख़िलाफ़ हज़ारों लोग सड़कों पर उतरे

नेतन्याहू के बाद अब वॉशिंगटन में ट्रंप के ख़िलाफ़ हज़ारों लोग सड़कों पर उतरे

अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में रविवार को हजारों प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। “रिमूव द रिजीम” (शासन हटाओ) नामक इस रैली में लोगों ने ट्रंप के महाभियोग (इम्पीचमेंट), दोषी (कन्विक्ट) और पद से हटाने (रिमूव) की मांग की।

नेशनल मॉल पर आयोजित इस कार्यक्रम में राजनीतिक नेता, कार्यकर्ता और कलाकारों ने कांग्रेस को तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया। यह 2025 का अब तक का सबसे बड़ा एंटी-ट्रंप प्रदर्शन माना जा रहा है, जो ट्रंप प्रशासन की कठोर नीतियों और सत्तावादी प्रवृत्तियों के खिलाफ जनाक्रोश को बता रहा है।

रैली की शुरुआत ड्रॉपकिक मर्फिस बैंड और संगीतकार अर्थ टू ईव के प्रदर्शनों से हुई, जिसके बाद प्रदर्शनकारी मध्य वाशिंगटन की सड़कों पर मार्च के लिए रवाना हो गए। संगठनकर्ता रिमूवल कोलिशन, एक ग्रासरूट्स नेटवर्क, ने इस आयोजन को “लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई” का हिस्सा बताया।

प्रदर्शनकारियों ने झंडों को उल्टा लटकाकर देश में “संकट” की स्थिति का प्रतीकात्मक संकेत दिया। ड्रम बजाते हुए नारे लगाए गए: “नथिंग इज मोर पैट्रियॉटिक दैन प्रोटेस्टिंग” (प्रदर्शन करने से ज्यादा देशभक्ति कुछ नहीं), “रेजिस्ट फासीज्म” (फासीवाद का प्रतिरोध करो) और “हे, हे! हो, हो! डोनाल्ड ट्रंप हेज टू गो!” (डोनाल्ड ट्रंप को जाना होगा!)।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ट्रंप प्रशासन तेजी से सत्तावादी (ऑथोरिटेरियन) रास्ते पर बढ़ रहा है। वे ट्रंप की कठोर इमीग्रेशन नीतियों, पर्यावरण नियमों में कटौती, और प्रोजेक्ट 2025 जैसे विवादास्पद एजेंडे का विरोध कर रहे हैं, जो महिलाओं के अधिकारों, ट्रांसजेंडर समुदाय और जलवायु परिवर्तन से निपटने पर खतरा पैदा कर रहा है।

एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हम अमेरिका से नफरत नहीं करते, हम इसे प्यार करते हैं। ट्रंप का शासन लोकतंत्र को कुचल रहा है।” यह प्रदर्शन पिछले महीने के “नो किंग्स” (कोई राजा नहीं) आंदोलन का हिस्सा है, जिसमें सभी 50 राज्यों में 70 लाख से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया था।

2025 में ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुके हैं। जनवरी में “पीपुल्स मार्च” में हजारों ने महिलाओं के प्रजनन अधिकारों और आप्रवासन नीतियों का समर्थन किया, जबकि फरवरी के “50501” प्रदर्शनों में 50 राज्यों में 50 विरोध हुए।

अगस्त में “रेज अगेंस्ट द रिजीम” और सितंबर में “वी आर अमेरिका मार्च” जैसे आयोजनों ने ट्रंप के खिलाफ जन-आंदोलन को मजबूत किया। हाल ही में, नवंबर की शुरुआत में “फ्लड डीसी” कैंपेन के तहत रिफ्यूज फासीजन संगठन ने ट्रंप की पुनर्निर्वाचन की पहली वर्षगांठ पर हजारों को वाशिंगटन बुलाया।

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