उत्तराखंड बेहाल , बाढ़ के खतरे के बीच बादल फटा, 17 की मौत

उत्तराखंड बेहाल , बाढ़ के खतरे के बीच बदल फटा, 17 की मौत उत्तराखंड में हो रही बारिश के बाद कुमाऊं से लेकर नैनीताल तक कई जगह नदी और नाले उफनाए हुए हैं।

उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रामगढ़ में भारी बारिश के बाद बादल फटने की घटना से हालात और संगीन हो गए हैं। राज्य आपदा संचालन केंद्र के अनुसार नैनीताल जिले में बीती रात हुई बारिश से जुड़ी अलग-अलग घटनाओं में 17 लोगों की मौत हो गई है।

बादल फटने के कारण कई लोगों के मलबे में दबे होने की संभावना है। पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच चुकी है। घायलों को मलबे से निकाल लिया गया है। राहत और बचाव कार्य जारी हैं। नैनीताल और उधम सिंह नगर में चल रहे बचाव कार्यों को तेज करने के लिए वायु सेना के हेलीकॉप्टरों को तैनात किए जाने की योजना है।

 

उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार के अनुसार रामनगर – रानीखेत मार्ग स्थित लेमन ट्री रिज़ॉर्ट में भी सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं। हालांकि लेमन ट्री रिजॉर्ट में फंसे सभी लोग सुरक्षित हैं और उन्हें बचाने की कोशिश की जा रही है। भारी बारिश के बाद नदी के ओवरफ्लो होने के कारण कोसी नदी का पानी रिज़ॉर्ट में घुस आया है जिस कारण रिज़ॉर्ट के रास्ते बंद हो गए हैं।

एसएसपी प्रीति प्रियदर्शनी के अनुसार नैनीताल जिले के रामगढ़ गांव में जहां बादल फटने की घटना हुई है वहां कुछ घायलों को बचा लिया गया है। मलबे में अभी कितने लोग दबे हुए हैं इसकी कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। नैनीताल में भी कई झील ओवरफ्लो होने के कारण शहर की सड़कों पर पानी भर गया है। इमारतों और घरों में भी भारी जलभराव देखा जा रहा है। क्षेत्र में लगातार बारिश हो रही है।

पहाड़ों में पिछले 2 दिन से हो रही बारिश के कारण गंगा का जलस्तर भी खतरनाक हद तक बढ़ गया है। गंगा खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 294 मीटर से 0,3 मीटर ऊपर 294,5 मीटर पहुंच गया है। गंगा के बढ़ते जलस्तर के बीच हरिद्वार में गंगा के निकटवर्ती क्षेत्रों को अलर्ट कर दिया गया है।

कोसी नदी में पानी बढ़ने से रामनगर के मंदिर पर भी खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। मंदिर की सीढ़ियों तक पानी पहुंच गया है। वहीं बैराज के सभी फाटकों को खोल दिया गया है। कोसी बैराज पर कोसी नदी का जलस्तर 139000 है जो खतरे के निशान से काफी ज्यादा ऊपर है। कोसी बैराज में खतरे का निशान 80000 क्यूसेक है।

हल्द्वानी में भी गोला नदी में आए उफान के कारण नदी पर बना अप्रोच पुल टूट गया जिस कारण आवाजाही बंद हो गई है। टनकपुर में शारदा नदी के उफान से क्रशर मार्ग नाले के रूप में बदल गया है। मंगलवार की सुबह तक गोला नदी का जलस्तर 90000 क्यूसेक पार कर गया था। नदी के बढ़ता जलस्तर के कारण गोला बैराज को खतरा पैदा हो गया है

 

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