अमेरिका ने ईरान के खिलाफ राष्ट्रीय आपातकाल को एक साल के लिए बढ़ाया
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शुक्रवार (1 नवंबर/11 नवंबर) को एक पत्र के माध्यम से अमेरिका के प्रतिनिधि सभा और सीनेट के नेताओं को सूचित किया कि ईरान के खिलाफ लागू आपातकाल की स्थिति को एक और साल के लिए बढ़ा दिया गया है। यह स्थिति पहली बार 14 नवंबर 1979 को अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर द्वारा जारी किए गए कार्यकारी आदेश संख्या 12170 के तहत लागू की गई थी।
इस आदेश का मुख्य उद्देश्य ईरान के खिलाफ आर्थिक और राजनीतिक दबाव बनाना था, जो कि तेहरान में अमेरिकी दूतावास पर हुए हमले और अमेरिकी नागरिकों को बंधक बनाए जाने की घटना के बाद लागू किया गया था।
बाइडेन ने अपने पत्र में इस बात पर जोर दिया कि “ईरान के खिलाफ राष्ट्रीय आपातकाल की स्थिति, जो कार्यकारी आदेश संख्या 12170 के अंतर्गत घोषित की गई थी, 14 नवंबर 2024 के बाद भी जारी रहेगी।” इसका अर्थ यह है कि अमेरिका और ईरान के बीच जो आपसी संबंध सामान्य नहीं हुए हैं, उन पर कड़ी नजर रखी जा रही है और इससे संबंधित आर्थिक एवं राजनीतिक प्रतिबंध बनाए रखे गए हैं।
वर्तमान स्थिति और अन्य आपातकालीन आदेशों में भिन्नता
व्हाइट हाउस द्वारा जारी इस बयान में यह भी स्पष्ट किया गया है कि वर्तमान आपातकालीन स्थिति, जो कार्यकारी आदेश संख्या 12170 के तहत लागू है, अन्य आपातकालीन आदेशों से भिन्न है। ईरान पर दूसरा बड़ा आपातकालीन आदेश कार्यकारी आदेश संख्या 12957 के तहत 15 मार्च 1995 में लागू हुआ था, जिसे बिल क्लिंटन के प्रशासन ने ईरान के तेल और ऊर्जा क्षेत्र के विकास को रोकने के लिए लागू किया था। यह आदेश विशेष रूप से उन सभी लेन-देन पर रोक लगाता है जो ईरान के तेल उद्योग से जुड़े थे, ताकि ईरान की अर्थव्यवस्था पर प्रत्यक्ष प्रभाव डाला जा सके।
कार्टर और क्लिंटन द्वारा जारी आदेशों का उद्देश्य
1979 में कार्यकारी आदेश 12170 के तहत, राष्ट्रपति कार्टर ने ईरानी सरकार की अमेरिका में मौजूद सभी संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया। यह निर्णय तेहरान में अमेरिकी दूतावास पर कब्जे के कुछ दिनों बाद लिया गया था। इस घटना ने अमेरिका और ईरान के बीच कूटनीतिक और आर्थिक संबंधों में गहरा संकट ला दिया।
इसके बाद, 1995 में राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने कार्यकारी आदेश 12957 जारी किया, जो ईरान के ऊर्जा क्षेत्र को प्रभावित करने के उद्देश्य से था। इस आदेश का उद्देश्य ईरान को परमाणु और अन्य संवेदनशील तकनीकी विकास से रोकना था, ताकि उसके सैन्य और आर्थिक गतिविधियों पर काबू पाया जा सके।
आपातकाल की स्थिति क्यों बरकरार है?
अमेरिकी प्रशासन का मानना है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम, आतंकवादी संगठनों के साथ इसके कथित संबंध, और मानवाधिकारों के उल्लंघन के मुद्दों को ध्यान में रखते हुए यह आपातकाल की स्थिति जारी रहनी चाहिए। ईरान के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध और अन्य दबाव के उपायों को जारी रखना अमेरिका के रणनीतिक हितों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।


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