सऊदी अरब के सामने मआरिब को बचाने की चुनौती, क़बीलों ने किया सरेंडर

सऊदी अरब यमन युद्ध में शर्मनाक हार की ओर बढ़ा रहा है। सऊदी गठबंधन में शामिल रहे यमन के क़बीले एक के बाद एक सेना के सामने सरेंडर कर रहे हैं और मआरिब फिर से यमन सेना के कंट्रोल में आ रहा है जिसे रोकने के लिए सऊदी अरब ने अपनी पूरी ताक़त झोंक दी है और वह मआरिब पर अपना नियंत्रण रखने के लिए अलक़ायदा, दाइश और अन्य तकफ़ीरी गुटों के आतंकियों और सरग़नाओं की खुल्लम खुल्ला सेवाएं ले रहा है। इन सब के बाद भी सऊदी अरब यमनी सेना के बढ़ते क़दम को रोकने में सफल नहीं हो सका है।

रिपोर्ट के अनुसार, रणनीतिक रूप से अति महत्वपूर्ण प्रान्त मआरिब की ओर यमनी सेना और स्वयंसेवी बलों के बढ़ते क़दम के बीच सऊदी अरब ने अपने अधीन सारे क़बीलों और पार्टियों को अलर्ट कर दिया है। अलअख़बार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि सऊदी अरब ने मआरिब की आज़ादी को रोकने के लिए शबवा, अबयन, हज़रतमूत, अदन, लहिज, तइज़ और पश्चिमी तटवर्ती क्षेत्रों से हज़ारों लोगों को तैयार किया है ताकि वह उत्तरी यमन में अपनी सत्ता के अंतिम गढ़ को बचा सके।

संयुक्त अरब अमीरात के समर्थन दक्षिणी अंतरिम परिषद ने अपने लोगों को मआरिब भेजने से इनकार कर दिया है। सऊदी अरब अंतरिम परिषद के सदस्यों को लालच देकर ज़ालेअ के मोर्चे पर भेजेने की कोशिश कर रहा है, लेकिन वह यमनी सेना और स्वयं सेवी बलों के बढ़ते क़दम को नहीं सका है।

वहीँ रियाज़ की ओर से अलक़ायदा और दाइश के तत्वों को बड़ी संख्या में जुटाने की कोशिश की जा रही है, जिससे पता चलता है कि मआरिब की आज़ादी से रियाज़ कितना घबराया हुआ है। सनआ का कहना है कि इस प्रांत की स्वतंत्रता बहुत अहम है, क्योंकि इससे तकफ़ीरी आतंकियों को बसाने की रियाज़ की योजना पर पानी फिर जाएगा।
यमन सरकार ने मआरिब के आसपास रहने वाले क़बीलों से संपर्क साधना शुरू किया हुआ है सरकार और यमनी क़बीलों के बीच तालमेल बढ़ गया है।

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