कांग्रेस में एक और कलह , छत्तीसगढ़ में तेज़ हुई कुर्सी की जंग छत्तीसगढ़ कांग्रेस में कुर्सी को लेकर छिड़ी कलह थमने के आसार नज़र नहीं आ रहे हैं
कांग्रेस पिछले काफी समय से ही आंतरिक कलह और विरोध को लेकर जूझ रही है। राजस्थान और पंजाब कांग्रेस के बाद अब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस में कलह छिड़ी हुई है।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस में चल रहे तनाव के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शुक्रवार को दिल्ली पहुंचे थे जहां उन्होंने कांग्रेस के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी से मुलाकात की। उनके समर्थन में राज्य के 55 विधायक भी दिल्ली पहुंचे हुए हैं।
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री बदलने की चर्चाएं हैं और ढाई साल के फार्मूले को लेकर टीएस सिंह देव ग्रुप चाहता है कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाए। मुख्यमंत्री बदले जाने पर क्या राज्य सरकार दो हिस्सों में बंट जाएगी ? इस पर कांग्रेश के राज्य उपाध्यक्ष अटल श्रीवास्तव ने कहा भूपेश बघेल जी ने हमें सिखाया है कि संगठन को साथ खड़ा रहना है इसलिए हम साथ खड़े हैं।
कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष अटल श्रीवास्तव ने कहा कि हम लोगों को मीडिया के माध्यम से खबर मिली थी कि कुछ गतिविधियां चल रही हैं तो अपनी मर्जी से 55 विधायकों और 15 जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष समेत संगठन के पदाधिकारी दिल्ली पहुंच चुके हैं।
राज्य में भाजपा के 15 साल के शासन में बघेल जी ने कड़ा संघर्ष किया है। जिसका नतीजा 2018 में तीन चौथाई समर्थन हासिल करके कांग्रेस की सरकार के रूप में सामने आया। हिंदुस्तान के इतिहास में कांग्रेस की किसी भी सरकार ने इतना बहुमत हासिल नहीं किया।
कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ चुनाव में राज्य की 90 में से 70 सीटें जीतकर सरकार बनाई है । म यही कहना है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के तौर पर भूपेश बघेल को बदलना बेईमानी होगी।
अटल श्रीवास्तव ने कहा कि ढाई साल का फार्मूला तब होता है जब गठजोड़ की सरकार होती है। पार्टी में कभी भी ढाई ढाई साल का फार्मूला नहीं था। वहीँ छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ने कहा है कि कांग्रेश आलाकमान ने किसी भी विधायक को दिल्ली नहीं बुलाया है विधायक आलाकमान के निर्देशों को मानने और अनुशासन में रहें।