मास्को में अफगानिस्तान पर वार्ता के दौरान, तालिबान और भारतीय प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात
भारत और तालिबान के प्रतिनिधि ने कल बुधवार को यहां मास्को में मुलाक़ात की। मुलाक़ात के बाद तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह ने ट्वीट करते हुए कहा कि भारत अफगानिस्तान को मानवीय सहायता प्रदान करने पर सहमत हो गया है।
बता दें कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर दोनों ने पहले ही खाद पर्दाथ, दवा और अन्य मानवीय सहायता के साथ अफ़ग़ानिस्तान के लोगों की मदद करने की इच्छा व्यक्त की थी। हालाँकि भारत ने पहले भी अफ़ग़ानिस्तान को मानवीय सहायता पंहुचा चूका है
संयुक्त अरब अमीरात में अफ़ग़ानिस्तान के आधिकारिक प्रवक्ता ने भी ट्वीट करते हुए कहा कि “दोनों पक्षों ने एक-दूसरे की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए राजनयिक और आर्थिक संबंधों में सुधार करने पर विचार किया।”
इंडिया टुडे के अनुसार उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अफगानिस्तान के अरब अमीरात के उप प्रधान मंत्री अब्दुल सलाम हनफी ने किया और भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान) जेपी सिंह ने किया।
इससे पहले मॉस्को वार्ता में उद्घाटन में भाषण के दौरान, रूसी विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया था कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए मानवीय और शरणार्थी संकट को रोकने के लिए काबुल की सहायता प्रदान करने का समय है।
बता दें की इस वार्ता में चीन, पाकिस्तान, भारत और मध्य एशियाई देशों सहित दस देशों ने भाग लिया था।
ग़ौर तलब है भारत का दोहा में तालिबान सरकार के प्रतिनिधियों के साथ सीमित संपर्क है। भारत ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि अफ़ग़ानिस्तान में एक समावेशी और जनता की प्रतिनिधि सरकार का गठन किया जाना चाहिए।
भारत ने समय-समय पर पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई द्वारा समर्थित भारत विरोधी गतिविधियों के लिए अफगान धरती के उपयोग के बारे में चिंता व्यक्त की है।