श्रीलंका, सेना ने संभाला मोर्चा, प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रपति भवन से खदेड़ा

श्रीलंका, सेना ने संभाला मोर्चा, प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रपति भवन से खदेड़ा

श्रीलंका को संकट में छोड़ कर देश से भागने वाले राष्‍ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने जनता के भारी व‍िरोध के बाद भी अब तक अपने पद से इस्‍तीफा नहीं दिया है। देश के बिगड़ते हालत को देखते हुए कार्यवाहक राष्‍ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने देश की सेना से शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक्शन लेने की अपील की है। कार्यवाहक राष्‍ट्रपति के इस आदेश का पूर्व फील्ड मार्शल और सांसद सरथ फोंसेका ने विरोध किया है।

देश की जनता से शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने की अपील श्रीलंकाई सेना प्रमुख ने भी प्रदर्शनकारियों से संयमित रहने की अपील की है। इस बीच ख़बरें आ रही हैं कि भगोड़े राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने मालदीव से सिंगापुर जाने के लिए प्राइवेट व‍िमान माँगा है। वहीँ प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। कोलंबो में रानिल विक्रमसिंघे के आवास के पास सैन्य बलों ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े।

कार्यवाहक राष्ट्रपति पर निशाना साधते हुए विपक्ष के नेता साजिथ प्रेमदासा ने कहा कि PM तभी कार्यवाहक राष्ट्रपति बनते हैं जब राष्ट्रपति उन्हें नियुक्त करें, उनका कार्यालय खाली हो, या स्पीकर के परामर्श से मुख्य न्यायाधीश को लगे कि राष्ट्रपति कार्य करने में असमर्थ हैं। इनके बिना, PM राष्ट्रपति की शक्ति का प्रयोग नहीं कर सकते।

बता दें कि श्रीलंकाई सरकार ने हालात पर काबू पाने के लिए देश में शुक्रवार सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू लगा दिया है। राजधानी कोलंबो में गुरुवार दोपहर 12 बजे से शुक्रवार सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू लगा रहेगा। इस बीच प्रदर्शनकारी कई सरकारी इमारतों से अब पीछे हट चुके हैं और राष्ट्रपति भवन को सेना ने अपने कब्जे में ले लिया है।

वहीँ देश में नए शासन के लिए ज़ोर आज़मायी भी शुरू हो चुकी है। श्रीलंका के विपक्षी सांसद डॉ. हर्षा डी सिल्वा ने कहा कि विपक्ष कल 10 बजे प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का ऐलान करेगा। उम्मीदवार का नाम संसद स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने के पास भेजा जाएगा।

डॉ. हर्षा डी सिल्वा ने ट्वीट कर बताया कि यह निर्णय कार्यवाहक राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री रानिल विक्रमसिंघे के अनुरोध पर लिया गया है। उन्होंने कहा कि एक उम्मीदवार के लिए विपक्षी दल आज बैठक करने वाले हैं। हम सरकार में शामिल कई दूसरे दलों से भी बातचीत कर सकते हैं।

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