अफगानिस्तान, मस्जिद में धमाका, 30 की मौत, 40 घायल
अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक शिया समुदाय को लगातार हमलों का निशाना बनाया जा रहा है। सऊदी सलफी तकफीरी विचारधारा से संबंधित आतंकी संगठनों के निशाने पर सदैव ही शिया समुदाय रहा है। अफगानिस्तान में पिछले कुछ दिनों में शिया समुदाय को निशाना बनाकर निरंतर हमले किए गए हैं।
अफगानिस्तान के तीन अलग-अलग हिस्सों में शिया समुदाय को निशाना बनाकर किए गए हमलों में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई है जबकि 40 से अधिक लोग घायल हैं। शिया समुदाय को निशाना बनाकर यह धमाके काबुल, मजार ए शरीफ और कुंदूज में किए गए हैं। मजार शरीफ में स्थित एक शिया मस्जिद के अंदर धमाका किया गया है। मजारे शरीफ में हुए इस धमाके में कम से कम 30 लोगों के मारे जाने की खबर है, साथ ही 40 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
Another terrorist bomb attack in Shia mosque in Mazar-e-Sharif
Such heinous crimes are only done by the descendants of Ibn Muljams, Yazids and the like
May Allah resurrect the martyrs with their Imam who was struck with a poisoned sword on the same day. #Afghanistan #Terror pic.twitter.com/HuADiFhKxy
— Imam Reza Shrine (@ImamRezaEN) April 21, 2022
वहीँ काबुल में हुए बम धमाके के बारे में काबुल पुलिस के प्रवक्ता ने कहा कि इस हमले में दो बच्चे घायल हुए हैं। कहने को तो अभी तक इन हमलों की जिम्मेदारी किसी भी संगठन ने नहीं ली है लेकिन सऊदी समर्थित तकफ़ीरी विचारधारा से संबंधित आतंकी गुट शिया समुदाय को समय समय पर आतंकी हमलों का निशाना बनाते रहते है।
बता दें कि मंगलवार को ही काबुल में शिया समुदाय को निशाना बनाते हुए एक स्कूल में धमाका किया गया था। इस धमाके में कई बच्चे मारे गए थे जबकि अनेक घायल हुए थे ,काबुल के दश्ते बुरची में स्थित अब्दुल रहीम शहीद हाई स्कूल के पास एक शिक्षा केंद्र में यह धमाके हुए थे। यह धमाके उस समय हुए जब स्कूलों में परीक्षाएं चल रही थी। इन हमलों की जिम्मेदारी किसी संगठन ने स्वीकार नहीं की लेकिन कहा जा रहा है कि यह हमले इस्लामिक स्टेट की ओर से किए गए हैं। पाकिस्तान, सीरिया, लीबिया, इराक, यमन समेत मिडिल ईस्ट के कई देशों में तकफ़ीरी विचारधारा से संबंधित आतंकी गुट समय-समय पर शिया समुदाय को हमलों का निशाना बनाते रहे हैं।
अप्रैल की शुरुआत में भी काबुल की सबसे बड़ी मस्जिद में नमाज के दौरान हथगोले फेंके गए थे। मई में भी शिया समुदाय को निशाना बनाते हुए काबुल में स्थित स्कूल के बाहर दो धमाके किए गए थे जिसमें 60 से अधिक बच्चों की मौत हुई थी। 3 अप्रैल को भी मध्य काबुल में बम ब्लास्ट में एक व्यक्ति की मौत हुई थी जबकि कम से कम 59 लोग घायल हुए थे।