अफ़ग़ानिस्तान , अल्पसंख्यक शिया समुदाय फिर निशाने पर , 6 की मौत

अफ़ग़ानिस्तान , अल्पसंख्यक शिया समुदाय फिर निशाने पर , 6 की मौत  अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में शिया बहुल क्षेत्र में हुए धमाके में कम से कम 6 लोगों के मारे जाने की खबर है।

अफ़ग़ानिस्तान में अल्पसंख्यक शिया समुदाय समय समय पर आतंकियों और तालिबान सरकार के अमानवीय दमन का शिकार बनता रहा है। काबुल के शिया बहुल दश्ते बर्ची में हुए एक बम धमाके में 6 लोग मारे गए जबकि 7 अन्य घायल हुए हैं।

तालिबान सरकार के अधिकारियों ने इस धमाके की खबर देते हुए कहा कि यह धमाका एक वैन में हुआ जिसके नतीजे में 7 लोग घायल हुए और 6 लोगों की मौत हो गई है।

तालिबान के सत्ता में आने के बाद से ही अफगानिस्तान में आतंकी गतिविधियों में तेजी आई है। 15 अगस्त को काबुल पर तालिबान के नियंत्रण के बाद ही अफगानिस्तान पर एक बार फिर तालिबान का शासन हो गया है।

पहले से ही अकाल एवं आर्थिक संकट से जूझ रहे अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से ही हालात और बिगड़ गए हैं। देशभर में शिया समुदाय को विशेष रूप से हमलों का निशाना बनाया जा रहा ह। नांगरहार प्रांत में लगातार दो सप्ताह नमाज के बीच हमलों के साथ-साथ अब काबुल के शिया बहुल दश्ते बर्ची में हुए धमाके में 6 लोगों की मौत हो गई है जबकि 7 लोग गंभीर रूप से घायल हैं।

तालिबान सरकार ने हालांकि अभी मरने वालों की पुष्टि नहीं की है और ना ही किसी आतंकी संगठन ने अभी तक इस हमले की जिम्मेदारी ली है। अफ़गानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद से ही आईएसआईएस ने आतंक का घिनौना खेल शुरू कर दिया है। आईएसआईएस के निशाने पर विशेष रूप से अफगानिस्तान का शिया समुदाय है।

तालिबान के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि, शनिवार को हुए इस हमले का जिम्मेदार भी आईएसआईएस ही है लेकिन सरकार की ओर से अभी तक इस घटना पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

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