तालिबान का खौफ 10 लाख लोगों ने किया पलायन, 318 मीडिया संस्थान बंद
अफगानिस्तान पर तालिबान के बाद हालात दिन प्रतिदिन और बुरे होते जा रहे हैं।
तालिबान के खौफ के कारण अफगानिस्तान के आम नागरिकों का जीना दूभर हो गया है। लोगों को उनके मौलिक अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। यही कारण है कि पिछले 4 महीनों में अफगानिस्तान से लगभग 10 लाख से अधिक लोग पलायन कर चुके हैं।
न्यूयॉर्क टाइम्स के हवाले से स्थानीय मीडिया ने अफगानिस्तान में जारी आर्थिक संकट, महामारी ,भुखमरी एवं अन्य परेशानियों का उल्लेख करते हुए कहा है कि देश में इन आपदाओं के साथ-साथ तालिबान का आतंक भी लोगों के पलायन का कारण बन रहा है और 10 लाख से अधिक लोग देश से पलायन कर चुके हैं।
अफगानिस्तान के आर्थिक हालात बहुत बुरे हैं। विदेशी सहायता न मिलने के कारण अर्थव्यवस्था डंवाडोल हो गई है। अफगानिस्तान की तुलु न्यूज़ एजेंसी के अनुसार अधिकांश प्रवासी ईरान और पाकिस्तान का रुख कर रहे हैं। वहीं एक ट्रैवल एजेंसी के प्रमुख ने कहा कि ईरान जाने वाले लोगों की संख्या प्रतिदिन 4000 के आसपास है।
ईरान जा रहे 52 वर्षीय मोहम्मद अय्यूब ने कहा कि समस्याएं सभी के लिए स्पष्ट हैं। यहां युवाओं के लिए शिक्षा का कोई अवसर नहीं है। साथ ही बेरोजगारी और गरीबी अपने चरम पर है। अपने 5 सदस्यीय परिवार के साथ ईरान जा रहे मोहम्मद अय्यूब ने कहा कि मैं देश से पलायन करना चाहता हूं क्योंकि मैं चाहता हूं कि मेरे बच्चे एक अच्छे माहौल में अपनी शिक्षा जारी रखें। मोहम्मद अय्यूब अफगानिस्तान उच्च शिक्षा मंत्रालय में 10 साल काम कर चुके हैं।
तालिबान शासन में अफगानिस्तान में मीडिया के लिए भी काम करना बेहद कठिन हो गया है। तालिबान के शासन के बाद से ही देश के 318 मीडिया संस्थान बंद हो चुके हैं। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट के अनुसार देश भर में 51टीवी चैनल, 49 ऑनलाइन मीडिया संस्थान एवं 132 रेडियो स्टेशन का संचालन पूरी तरह बंद हो चुका है । सबसे ज्यादा झटका समाचार पत्र उद्योग को लगा है जिसके 114 प्रतिष्ठानों में से सिर्फ 20 ही कार्यरत हैं।
इस रिपोर्ट के अनुसार पहले अफगानिस्तान में नियोजित पत्रकारों की संख्या 5069 हुआ करती थी जो अब घटकर 2334 रह गई है। वहीं 72 फ़ीसदी महिला पत्रकारों को नौकरी छोड़नी पड़ी है । देशभर में अब सिर्फ 234 महिलाएं ही मीडिया संस्थानों में काम कर रही हैं।