हरभजन सिंह ने लगाया बीसीसीआई पर कैरियर खत्म करने का आरोप,धोनी ने नहीं की मदद हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने वाले पूर्व दिग्गज ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने बीसीसीआई पर अपना कैरियर खत्म करने का आरोप लगाया है।
हरभजन सिंह ने बीसीसीआई पर निशाना साधते हुए कहा है कि उन्हें टीम से बाहर करने के पीछे बीसीसीआई और महेंद्र सिंह धोनी थे। अगर उन्हें चार पांच साल और खेलने का मौका मिला होता तो उनके विकेटों का आंकड़ा कुछ और होता। शायद वह चार-पांच सालों में 100 या 150 विकेट और ले सकते थे।
बीसीसीआई के प्रति अपनी नाराजगी जताते हुए हरभजन सिंह ने कहा कि वह बीसीसीआई से नहीं जुड़ेंगे और ना ही मुझे किसी के तलवे चाटने हैं। टीम इंडिया में लंबे समय तक शामिल रहे हरभजन सिंह 2011 के बाद टीम में आते जाते रहे हैं। उन्हें पहले 2013 में हुई आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी से बाहर किया गया फिर 2015 वर्ल्ड कप में भी उन्हें टीम में जगह नहीं दी गई।
हरभजन सिंह को 2016 में हुए टी-20 वर्ल्ड कप के लिए चुना तो गया लेकिन एक भी मैच खेलने का अवसर नहीं मिला और वह बेंच पर ही बैठे रह गए। कैरियर के आखिरी सालों में अपने साथ हुए इस व्यवहार के लिए हरभजन सिंह ने बीसीसीआई और महेंद्र सिंह धोनी को जिम्मेदार ठहराया है।
हरभजन सिंह ने बीसीसीआई के अधिकारियों पर निशाना साधते हुए कहा कि बोर्ड के कुछ लोगों की वजह से वह आगे नहीं बढ़ पाए। अगर उन्हें अवसर मिलता तो वह चार पांच साल और खेल सकते थे। उन्होंने कहा कि लक हमेशा मेरे साथ रहा है बस कुछ बाहरी तत्व ही थे जो मेरे पक्ष में नहीं थे बल्कि कह सकते हैं कि वे पूरी तरह मेरे विरुद्ध थे। इसका कारण यह था कि मैं जिस शानदार तरीके से आगे बढ़ रहा था और जिस तरह गेंदबाजी कर रहा था, मैंने 31 साल की आयु में ही 400 विकेट ले लिए थे। तब मेरे दिमाग में विचार था कि मैं अगले चार-पांच साल और खेल सकता हूं। कुछ नहीं तो मेरे हिसाब से मैं यह कह सकता के मैं 100 या 150 विकेट तो और ले लेता।
हरभजन सिंह ने कहा कि महेंद्र सिंह धोनी उस समय कप्तान थे लेकिन मुझे लगता है कि यह बात धोनी के स्तर से ऊपर थी और कुछ हद तक बीसीसीआई के अधिकारी इस में शामिल थे। वह नहीं चाहते थे कि मुझे कप्तान की ओर से कोई समर्थन मिले क्योंकि एक कप्तान कभी भी बीसीसीआई से ऊपर नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि कोच ,कप्तान या टीम से ऊपर हमेशा बीसीसीआई का पलड़ा भारी रहा है।
धोनी को लेकर उन्होंने कहा कि अन्य खिलाड़ियों की तुलना में धोनी को बीसीसीआई का ज्यादा समर्थन प्राप्त था। अगर उन्हें भी इस तरह समर्थन मिलता तो वह भी खेलते। ऐसा नहीं कि बाकी खिलाड़ियों ने बेहतर प्रदर्शन नहीं किया या वह बेहतर प्रदर्शन करना भूल गए थे। हर खिलाड़ी चाहता है कि वह भारत की जर्सी पहनकर सन्यास ले लेकिन हमेशा किस्मत आपके साथ नहीं होती और आप जो चाहते हैं कभी-कभी वह नहीं हो पाता।