यूनुस सरकार, प्रतिद्वंद्वियों के विरुद्ध न्यायपालिका क इस्तेमाल कर रही
बांग्लादेश की निष्कासित प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे साजीब वाज़िद ने बांग्लादेश की मोहम्मद युनुस सरकार पर आरोप लगाया है कि वह अवामी लीग के खिलाफ न्यायपालिका का हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है। वाज़िद की यह पोस्ट ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर बांग्लादेश द्वारा शेख हसीना की प्रत्यर्पण की मांग के दो दिन बाद आई। यह ध्यान देने योग्य है कि बांग्लादेश में छात्रों के विरोध प्रदर्शन के कारण सरकार का तख्तापलट हुआ था, जिसके बाद शेख हसीना भारत भाग आई थीं।
बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (आईसीटी) ने शेख हसीना वाजिद और कई पूर्व कैबिनेट मंत्रियों, सलाहकारों, और सैन्य व सिविल अधिकारियों के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराधों और नरसंहार के आरोप में गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं। साजिब, जो एक आईटी उद्यमी हैं, अमेरिका में रहते हैं और हसीना सरकार में आईसीटी के सलाहकार रह चुके हैं।
वाजिद ने एक विस्तृत पोस्ट में लिखा, “कंगारू अदालत के जरिए प्रत्यर्पण की मांग ऐसे समय में की जा रही है जब सैकड़ों नेताओं को बिना किसी सुनवाई के मारा जा रहा है, उन पर भड़काऊ आरोप लगाए जा रहे हैं, कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा हजारों लोगों को अवैध रूप से कैद किया जा रहा है, और लूटपाट, तोड़फोड़ और आगजनी की जा रही है।”
यह उल्लेखनीय है कि सोमवार को भारत ने बांग्लादेश हाई कमीशन से राजनयिक संवाद प्राप्त होने की पुष्टि की, लेकिन इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हालांकि भारत और बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण समझौता मौजूद है।
बांग्लादेश के विदेश मंत्री तौहीद हसन ने कहा कि ढाका चाहती है कि हसीना न्यायिक प्रक्रिया का सामना करें। वाजिद ने आरोप लगाया कि युनुस द्वारा नियुक्त ट्रिब्यूनल प्रमुख ताज इस्लाम ने जानबूझकर हसीना के खिलाफ झूठा अभियान चलाया और हास्यास्पद मुकदमे दर्ज किए। उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया के जरिए इन आरोपों को झूठा साबित किए जाने के बाद अब कूटनीतिक रूप से प्रत्यर्पण की मांग की जा रही है।