हम दुश्मन को उसको अत्याचारों को ख़त्म करने पर मजबूर कर देंगे: शेख़ नईम क़ासिम
हिज़बुल्लाह लेबनान के डिप्टी सेक्रेटरी जनरल शेख़ नईम क़ासिम ने आज (बुधवार) अपने भाषण की शुरुआत शहीद सैय्यद हसन नसरुल्लाह को याद करते हुए की और कहा, “आज हम इस्लामिक उम्मत के महान शहीद, सैय्यद हसन नसरुल्लाह के चालीसवें के दिन उनको याद कर रहे हैं; वह एक महान नेता थे जो अल्लाह की राह में शहीद हुए।”
हिज़बुल्लाह के डिप्टी सेक्रेटरी जनरल ने आगे कहा, “आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने सैय्यद हसन नसरुल्लाह का परिचय देते हुए कहा था कि उनकी कोई बराबरी नहीं कर सकता। सैय्यद हसन नसरुल्लाह एक आदर्श, प्रेरणादायक शिक्षक, बहादुर और साहसी थे जिन्होंने विलायत (धार्मिक नेतृत्व) के स्कूल में शिक्षा प्राप्त की।”
शेख़ नईम क़ासिम ने आगे कहा, “सैय्यद हसन नसरुल्लाह ने मुहम्मदी इस्लाम के आधार पर एक प्रतिरोधी दल की स्थापना की, जिसका मार्ग और तरीका विलायत (धार्मिक नेतृत्व) का मार्ग है। उन्होंने एक ऐसा दल बनाया जो समाज के सभी वर्गों को एक साथ लाता है। यह एक युवा और विशाल पार्टी है, यह स्वतंत्रता और प्रतिष्ठा का प्रतीक है।”
उन्होंने कहा, “हिज़बुल्लाह के पास एक संगठित ढांचा है जो संस्कृति, राजनीति, शिक्षा, संघर्ष और चिकित्सा के सभी क्षेत्रों में सक्रिय है। सैय्यद हसन नसरुल्लाह ने हमें जीवित रखा और अपनी शहादत के बाद भी हमें जीवन दिया।”
दुश्मन को हड़बड़ाहट में डाल दिया
उन्होंने कहा, “मैं यमन से लेकर इराक़ और लेबनान तक और फिलिस्तीन की रक्षा में खड़े ईरान के इस्लामी गणराज्य को सलाम पेश करता हूं। अब यह मायने नहीं रखता कि युद्ध कैसे शुरू हुआ, बल्कि यह महत्वपूर्ण है कि हम इज़रायल के अतिक्रमणों के खिलाफ खड़े हैं।” उन्होंने आगे कहा, “हमने 2006 से लेकर अब तक विभिन्न क्षेत्रों में खुद को तैयार किया है। दुश्मन सोचता था कि वह हिज़बुल्लाह को खत्म कर सकता है, लेकिन हमने उन्हें हड़बड़ाहट में डाल दिया है।”
प्रतिरोध ताकतें मौत से नहीं डरतीं
शेख़ नईम क़ासिम ने कहा, “हमारे प्रतिरोध बल इस्लामी सिद्धांत पर आधारित हैं और सच्चाई, प्रतिष्ठा और गरिमा के लिए खड़े हैं। वे शहादत के लिए समर्पित हैं और मौत से नहीं डरते।” उन्होंने कहा, “दुश्मन के पास कुछ ताकतें हैं, जैसे निर्दोषों की हत्या करना, अन्याय और अतिक्रमण करना, और अमेरिका की मदद से हवाई ताकतों का उपयोग करना। लेकिन ये ताकतें उन्हें हमारी जमीन पर कामयाबी नहीं दिला सकतीं।”
युद्ध को रोकने का एकमात्र उपाय – युद्ध का मैदान
शेख़ नईम क़ासिम ने कहा, “हम मानते हैं कि युद्ध को केवल युद्ध के मैदान में ही रोका जा सकता है। हमारी सेनाएं सीमा पर दुश्मन का सामना करने के लिए तैयार हैं। हमें अमेरिका के चुनाव परिणामों की परवाह नहीं है। हमारा केवल एक लक्ष्य है – प्रतिरोध जारी रखना।”
उन्होंने अंत में कहा, “जब तक हमारा उद्देश्य सही है, जमीन हमारी है, और अल्लाह हमारे साथ है, हम हार नहीं सकते। जब दुश्मन अपने हमलों को समाप्त करने का निर्णय लेगा, तभी हम बातचीत पर विचार करेंगे, लेकिन वह भी लेबनान की संप्रभुता की रक्षा के साथ होगा।” शेख़ नईम क़ासिम ने कहा, “सैय्यद हसन नसरल्लाह द्वारा नेतृत्व किए गए लोगों को जीत का विश्वास है। जो लोग इमाम हुसैन (अ) के साथ जुड़े हैं, वे दुश्मनों को पराजित करेंगे।”