हमने सरकार के साथ बातचीत का दरवाजा खोल रखा है: किसान नेता

हमने सरकार के साथ बातचीत का दरवाजा खोल रखा है: किसान नेता

अपनी मांगों को लेकर ‘दिल्ली-चलो’ मार्च के तहत पंजाब से निकले किसानों के आंदोलन का आज दूसरा दिन है। इससे पहले मंगलवार को पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर जबरदस्त तनाव देखने को मिला। किसानों के जत्थे को पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर ही रोक लिया और धीरे-धीरे हालात बिगड़ गए। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए बड़ी संख्या में आंसू गैस के गोले छोड़े।

किसान आंदोलन के दूसरे दिन किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने अपनी बात रखी। किसान नेता सरवन सिंह ने कहा है कि हमारी मांग है कि किसान मजदूर का कर्ज खत्म कीजिए। हम चाहते हैं सरकार बल प्रयोग हटाए, हमें अपनी बात रखने दीजिए। उन्होंने कहा, “किसानों को अपनी बात रखने देना चाहिए। लोकल लोगों का हम लोगों को बहुत सपोर्ट है। हम लोगों का प्रर्दशन आगे भी जारी रहेगा। सरकार हमें रास्ता दे। हम लोग कोशिश करेंगें कि हिंसक रास्ते से बचा जाए।

वहीं ख़बर आ रही है कि, सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समेत तमाम मुद्दों को लेकर दिल्ली कूच कर रहे किसानों के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है। सरकार किसानों की तरफ से बातचीत का प्रस्ताव आने का इंतजार कर रही है। इससे पहले किसान नेता सरवन सिंह ने कहा था कि उन्होंने सरकार के साथ बातचीत का दरवाजा खोल रखा है। सरवन सिंह के मुताबिक, सरकार जब चाहे तब बात कर सकती है। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि किसानों का प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहेगा।

उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, “हमारी तरफ से ये आंदोलन बिल्कुल शांतिपूर्ण रहेगा। सरकार चाहे हम पर लाठियां बरसाए, भले ही गोली मार ले। हमें किसी पार्टी का सपोर्ट नहीं है। कोई कांग्रेस सपोर्ट नहीं है। हम कांग्रेस को भी उतना ही दोषी मानते हैं जितना बीजेपी को। ये नीतियां तो कांग्रेस लेकर आई थी।

किसान नेता ने आगे कहा, “हमने पूरी कोशिश की कि कोई न कोई इस तरह का निर्णय हो जाए जिससे कि हम सरकार के साथ टकराव के साथ बच जाएं लेकिन ऐसी स्थिति नहीं बन पाई। हरियाणा के किसानों को डराया जा रहा है।अब ऐसा लगता है कि पंजाब और हरियाणा देश के राज्य नहीं बल्कि कोई इंटरनेशनल बॉर्डर बन गए हों।

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