ट्रंप ने की मॉस्को पर हमले की बात; ज़ेलेंस्की बोले: हथियार दो, हमला करेंगे
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जो अपनी सत्ता संभालने के करीब छह महीने बाद भी यूक्रेन युद्ध को जल्दी ख़त्म करने के वादे में असफल रहे हैं, अब एक अचानक बदले रुख के साथ युद्धोन्मुखी नीति अपना रहे हैं। उन्होंने रूस को “दर्द” पहुंचाने के लिए मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग पर हमले की संभावना पर विचार शुरू कर दिया है।
ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने 4 जुलाई को यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की से फोन पर बात की और उनसे पूछा:
“अगर अमेरिका तुम्हें लंबी दूरी के हथियार दे तो क्या तुम मॉस्को को निशाना बना सकते हो?” ज़ेलेंस्की ने जवाब दिया – “बिलकुल। अगर हथियार दिए जाएं तो हम हमला कर सकते हैं।” ट्रंप ने इस विचार का समर्थन करते हुए कहा कि इससे रूस को दर्द महसूस होगा और क्रेमलिन को बातचीत की मेज़ पर लाया जा सकेगा।
फाइनेंशियल टाइम्स के अनुसार, यह बातचीत ट्रंप और पुतिन की पिछली बातचीत के एक दिन बाद हुई, जो अमेरिका-रूस रिश्तों में तनाव को दर्शाती है। एक पश्चिमी अधिकारी ने भी पुष्टि की कि यह बातचीत पश्चिमी देशों की ओर से यूक्रेन को लंबी दूरी के हथियार देने की बढ़ती इच्छा को दर्शाती है।
तीन सूत्रों के अनुसार, इस बातचीत के बाद अमेरिका ने रोम में ज़ेलेंस्की को संभावित हथियारों की एक सूची सौंपी। इसमें कुछ ऐसे लंबी दूरी के हथियार थे जिन्हें तीसरे देश के माध्यम से यूक्रेन भेजा जा सकता है ताकि कांग्रेस की पाबंदियों को टाला जा सके।यूक्रेन ने इस बैठक में अमेरिका से टॉमहॉक क्रूज़ मिसाइलों (1600 किमी रेंज) की मांग की। लेकिन बाइडन प्रशासन की तरह ट्रंप प्रशासन को भी यूक्रेन की सीमाएं लांघने की संभावनाओं को लेकर चिंता है।
ट्रंप ने हाल ही में पुतिन को लेकर नाराज़गी जताई और कहा – “मैं पुतिन से निराश हूं, मुझे लगा था कि दो महीने पहले ही समझौता हो जाएगा।” ट्रंप ने व्हाइट हाउस में NATO महासचिव मार्क रुटे से मुलाकात के दौरान पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम्स यूक्रेन भेजने की बात की, लेकिन अन्य हथियारों पर कुछ नहीं कहा।
वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप यूक्रेन को ATACMS मिसाइलों से रूस पर हमले की अनुमति भी दे सकते हैं। इन मिसाइलों की रेंज लगभग 300 किमी है और इन्हें HIMARS सिस्टम से दागा जाता है – जिसे पहले ही यूक्रेन को दिया जा चुका है। हालांकि, इनकी रेंज मॉस्को तक नहीं पहुँचती।
ATACMS हमलों के बाद रूस ने अपने परमाणु सिद्धांत को अपडेट किया है और इसमें पहले परमाणु हमला करने की अनुमति शामिल की गई है – खासकर अगर यूक्रेन पश्चिमी हथियारों से रूस पर हमला करता है। इसका मतलब है कि रूस अब अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे NATO देशों पर पहले परमाणु हमला करने का विकल्प खुला रख सकता है।


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