ट्रंप ने फिर दी हमास को धमकी, बंधकों को तुरंत करो रिहा, नहीं तो अपना खेल खत्म समझो’,
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ग़ाज़ा में मौजूद सभी बंधकों को रिहा करने की हमास को बुधवार को ‘‘अंतिम चेतावनी’’ दी। ट्रंप ने आठ पूर्व बंधकों के साथ व्हाइट हाउस में बैठक के तुरंत बाद अपने सोशल मीडिया मंच ‘ट्रुथ’ पर एक बयान में कहा कि वह ‘‘इज़रायल को वह सब कुछ भेज रहे हैं जो उसे चाहिए।’’
ट्रंप का यह बयान न सिर्फ युद्ध को और भड़काने की कोशिश है, बल्कि इज़रायली हमलों को खुला समर्थन देने जैसा है, जो पहले ही ग़ाज़ा में नरसंहार करके हजारों बेगुनाह नागरिकों की जान ले चुका है। ट्रंप के इस बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि वे फिलिस्तीनी जनता की पीड़ा को नजरअंदाज कर रहे हैं और इज़रायल की आक्रामक नीतियों को खुला समर्थन दे रहे हैं। उनका यह रुख न सिर्फ मध्य पूर्व में तनाव को और बढ़ाने वाला है, बल्कि एक बार फिर यह दिखाता है कि वे क्षेत्र में न्याय और शांति के बजाय अपने राजनीतिक हितों को प्राथमिकता दे रहे हैं।
ट्रंप ने हमास को अंतिम चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि सभी जिंदा बंधकों और उनके द्वारा हत्या किए गए लोगों के शवों को तत्काल छोड़ दो, नहीं तो खतरनाक परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहो। ट्रंप ने कहा– “‘शालोम हमास’ का मतलब है नमस्ते और अलविदा…सभी बंधकों को अभी रिहा करें, बाद में नहीं। उन्होंने आगे कहा,जिन लोगों की आपने हत्या की है उनके शवों को तुरंत लौटा दें। ऐसा नहीं करने पर आपका खात्मा कर दिया जाएगा। केवल बीमार और विकृत लोग ही शव रखते हैं, और आप बीमार और विकृत हैं! उन्होंने बुधवार को ट्रुथ सोशल पोस्ट में यह बात कही।
ट्रुथ सोशल पोस्ट पर डोनाल्ड ट्रंप ने लिखा, अगर आप मेरी बात नहीं मानेंगे तो हमास का एक भी सदस्य जिंदा नहीं बचेगा। मैंने अभी-अभी आपके उन पूर्व बंधकों से मुलाकात की है जिनकी जिंदगी आपने बर्बाद कर दी है। यह आपको आखिरी चेतावनी है!
अब ग़ाज़ा छोड़ने का समय है। साथ ही, ग़ाज़ा के लोगों के लिए एक सुंदर भविष्य का सबको इंतजार है, लेकिन अगर आप बंधकों को बंदी बनाए रखेंगे तो भविष्य अधर में आ जाएगा। अगर आप बाधा पैदा करेंगे, तो आप मारे जाएंगे। समझदारी भरा फैसला लें। बंधकों को अभी रिहा करें, नहीं तो बाद में आपको बहुत अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी!”
इससे पहले व्हाइट हाउस ने कहा था कि अमेरिकी अधिकारी हमास के अधिकारियों के साथ ‘‘निरंतर वार्ता और विचार-विमर्श’’ कर रहे हैं। अमेरिका का यह कदम चरमपंथी संगठन के साथ सीधे तौर किसी तरह की बातचीत नहीं करने की उसकी दीर्घकालिक नीति से अलग है। व्हाइट हाउस की ओर से यह जानकारी मिलने के बाद ट्रंप ने हमास को लेकर यह तीखी टिप्पणी की है।