राजस्थान में वसुंधरा राजे के अलावा कोई सीएम चेहरा नहीं: विधायक कालीचरण
लोकसभा चुनावों की पूर्व संध्या पर आए विधानसभा चुनावों के इन नतीजों से न सिर्फ भाजपा का दबदबा बढ़ गया है, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी का कद पार्टी के भीतर और बाहर और बड़ा हो गया है। अब भाजपा नेतृत्व आसानी से मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान, राजस्थान में वसुंधरा राजे और छत्तीसगढ़ में रमन सिंह के विकल्प के तौर पर पार्टी में नया नेतृत्व तैयार कर सकता है, क्योंकि ये चुनाव इन छत्रपों के नाम पर नहीं बल्कि पार्टी के निशान कमल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी पर जीते गए हैं।
विधानसभा चुनाव में शानदार सफलता हासिल करने के बाद भाजपा में मुख्यमंत्री पद की दौड़ शुरू हो गई है। अलग-अलग नेता अपने-अपने तरीके से मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश करने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा की ओर से दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री रह चुकी वसुंधरा राजे सिंधिया ने आज अपने जयप्रकाश स्थित आवास पर भाजपा विधायकों को लंच और डिनर कराकर यह दिखाने की कोशिश की है कि उनके पास कई विधायकों का समर्थन है। इस तरीके से वह पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व पर उन्हें मुख्यमंत्री घोषित करने के लिए दबाव बनाना चाहती हैं।
हालांकि, भाजपा के सूत्र बता रहे हैं कि उनकी यह रणनीति फिलहाल काम नहीं करने वाली। पार्टी नेतृत्व पर्याप्त समय लेकर निर्वाचित प्रतिनिधियों से बात करके ही कोई निर्णय लेगा। पार्टी के नेता व विधायक अपने-अपने करीबी नेता को सीएम बनते देखना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने बयानबाजी भी शुरू कर दी है।
आज वसुंधरा राजे के बेहद करीबी माने-जाने वाले विधायक कालीचरण सराफ ने कहा वसुंधरा लोकप्रिय नेता हैं। राज्य में सीएम फेस के लिए उनके अलावा कोई चेहरा नहीं है। वो हाल ही में मेरे चुनाव कार्यालय के उद्घाटन में शामिल हुईं थी, जहां-जहां बुलाया लोगों ने वहाँ गई। कौन पार्टी का नेता इतनी जगहों पर गया? कलीचरण सर्राफ़ ने आगे कहा कि मैं तो उनका लॉयल हूँ, अब देखते हैं कि पार्टी क्या फैसला लेती है अब सीएम पद के लिए फैसला पार्टी अलाकमान ही लेती है। देखते हैं, लेकिन कई विधायक मिलने आ रहे है, इसलिए मैं भी गया था। जानकारी दे दें कि कालीचरण सराफ 8वीं बार मालवीयनगर सीट से जीत कर विधायक बने हैं।
बता दें कि राज्य में बीजेपी ने किसी भी सीएम फेस पर चुनाव नहीं लड़ा था, इसलिए सीएम पद के लिए कई चेहरे सामने आ रहे हैं,जिनमें से एक नाम वसुंधरा राजे और दूसरा नाम बाबा बालकनाथ है, ये दोनों सीएम पद के लिए काफी प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। वसुंधरा राजे दो बार राज्य की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। हालांकि बीजेपी हमेशा सीएम पद को लेकर चौंकाती है। अब इस बार यह देखना बड़ा ही दिलचस्प होगा कि बीजेपी किसे राज्य की गद्दी सौंपती है।