स्विस अधिकारियों ने इज़रायली युद्ध अपराधी के खिलाफ जांच शुरू की
हिंद रजब फाउंडेशन (एचआरएफ) ने बुधवार को पुष्टि की कि “स्विस अधिकारियों ने हिंद रजब फाउंडेशन (एचआरएफ) की शिकायत के बाद युद्ध-अपराध करने वाले एक संदिग्ध इज़रायली सैनिक के खिलाफ जांच शुरू कर दी है, जो फिलहाल स्विट्ज़रलैंड में मौजूद है।” स्विस सरकार ने इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
एचआरएफ की शिकायत, जिसमें ठोस सबूत पेश किए गए हैं, में आरोप लगाया गया है कि “संदिग्ध सैनिक ने ग़ाज़ा पट्टी में युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध किए हैं।” शिकायत में नागरिकों पर हमले, घरों और अस्पतालों की तबाही, जबरन विस्थापन और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के गंभीर उल्लंघन जैसे विशेष आरोप शामिल हैं।
स्विट्ज़रलैंड द्वारा यह जांच ऐसे समय में शुरू की गई है जब ग़ाज़ा में इज़रायल की कार्रवाइयों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जांच-पड़ताल तेज हो गई है। गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) ने इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पूर्व रक्षामंत्री योआव गैलेंट के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
एचआरएफ ने अपनी शिकायत में यह भी कहा है कि “जवाबदेही तय होनी चाहिए और ग़ाज़ा की जमीन पर इन अपराधों को अंजाम देने वालों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।” अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों जैसे एमनेस्टी इंटरनेशनल और ह्यूमन राइट्स वॉच ने ग़ाज़ा में इज़रायल की कार्रवाइयों को “नागरिकों के बड़े पैमाने पर नरसंहार, बुनियादी ढांचे की तबाही और जनसंख्या विस्थापन की संगठित मुहिम” करार दिया है।
हिंद रजब फाउंडेशन की अपील
हिंद रजब फाउंडेशन (एचआरएफ) ने जोर देकर कहा कि “उच्च अधिकारियों ने इन अपराधों को अंजाम देने के आदेश दिए थे, लेकिन जिन्होंने इन्हें अंजाम दिया, उन्हें भी अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।” पिछले चार दशकों से इज़रायली अधिकारी और सेना बिना किसी भय के ऐसी कार्रवाइयां कर रहे हैं और उन्हें राजनीतिक और कूटनीतिक संरक्षण प्राप्त है।
हालांकि, अंतरराष्ट्रीय न्यायिक अधिकार क्षेत्र के तहत युद्ध अपराधों पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए, चाहे वे कहीं भी किए गए हों।