सुशील मोदी का तंज़, 2024 से पहले इंडी गठबंधन की हवा निकल गई

सुशील मोदी का तंज़, 2024 से पहले इंडी गठबंधन की हवा निकल गई

पांच राज्यों के चुनावी नतीजे सामने आने के बाद लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इसी बीच खबर आ रही है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ रणनीति तय कर ली है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लोकसभा चुनाव में बीजेपी को चुनौती देने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से चुनाव प्रचार की शुरुआत करेंगे।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार 24 दिसंबर को पीएम मोदी के गढ़ वाराणसी में अपनी पहली जनसभा करेंगे। वाराणसी के कुर्मी वोट बैंक को सधने के लिए नीतीश कुमार वाराणसी के रोहनिया में जनसभा को संबोधित करेंगे। इसकी पुष्टि उत्तर प्रदेश के जेडीयू संयोजक सत्येंद्र कुमार ने की है। वाराणसी के जगतपुर इंटर कॉलेज मैदान में 24 दिसंबर को होने वाली रैली गठबंधन की साझा रैली नहीं होगी बल्कि यह जेडीयू की रैली होगी।

वहीं नीतीश कुमार की जनसभा पर भाजपा ने तंज़ कैसा है। भाजपा के नेता सुशील मोदी ने कहा कि अब नीतीश कुमार बनारस में रैली करें या फूलपुर से चुनाव लड़ लें, कहीं उन्हें कोई पूछने वाला नहीं है। जदयू पहले उत्तर प्रदेश और अब मध्य प्रदेश विधानसभा की 10 सीटों पर जमानत जब्त कराकर बिहार के बाहर अपनी औकात देख चुका है।

पूर्व उप-मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिना सीएम-फेस घोषित किये तीन हिंदी प्रदेशों में चुनाव लड़ने और तीनों राज्यों में स्पष्ट बहुमत पाने के बाद भाजपा ने छत्तीसगढ़ में आदिवासी समुदाय के विष्णु साय, मध्य प्रदेश में पिछड़े वर्ग के डॉ. मोहन यादव और राजस्थान में सवर्ण समाज के भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाकर सामाजिक न्याय का ऐसा उदाहरण सामने रखा है, जिससे 2024 से पहले इंडी गठबंधन की हवा निकल गई।

सुशील मोदी ने कहा कि विपक्षी गठबंधन ने किसी यदुवंशी को मुख्यमंत्री नहीं बनाया और बिहार में जिन्हें बनाने के लिए एड़ी-चोट का जोर लगाया जा रहा है, वे ‘नौकरी के बदले जमीन’ मामले में आरोपित हैं। उनकी एक मात्र योग्यता लालू प्रसाद का पुत्र होना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टीम ने नये मुख्यमंत्रियों के चयन में सभी वर्गों को साथ लेकर चलने और सबका सम्मान करने की गारंटी साबित की।

उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन अब तक उप-समितियों की बैठक नहीं कर पाया, साझा उम्मीदवार तय करना तो बहुत दूर की बात है। तीन प्रदेशों में भाजपा की शानदार विजय और धारा-370 हटाने के पक्ष में आया सुप्रीम कोर्ट का निर्णय 2024 के संसदीय चुनाव का एजेंडा तय कर चुका है, लेकिन सपनों में खोये नीतीश कुमार हवा का रुख देखना नहीं चाहते।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Hot Topics

Related Articles