शेख़ हसीना पांचवीं बार बनेंगी बांग्लादेश की प्रधानमंत्री
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना ने लगातार चौथी बार आम चुनाव में जीत हासिल की। छिटपुट हिंसा और मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) तथा उसके सहयोगियों के चुनाव के बहिष्कार करने के कारण हसीना की पार्टी अवामी लीग के लिए जीत का रास्ता आसान हो गया।
संसद में मुख्य विपक्षी दल जातीय पार्टी को 11, बांग्लादेश कल्याण पार्टी को एक और स्वतंत्र उम्मीदवारों ने 62 सीट पर जीत दर्ज की। जातीय समाजतांत्रिक दल और ‘वर्कर्स पार्टी ऑफ बांग्लादेश’ ने एक-एक सीट जीतीं। अवामी लीग पार्टी की प्रमुख हसीना (76) ने गोपालगंज-तृतीय सीट पर भारी मतों के अंतर से जीत हासिल की।
शेख़ हसीना अपनी संसदीय सीट गोपालगंज-3 से भारी अंतर से जीतीं। उन्हें 2,49,965 वोट मिले। जबकि, उनके निकटतम प्रतिद्वंदी एम. निजाम उद्दीन लश्कर को महज 469 वोट ही हासिल हुए। गोपालगंज-3 से शेख हसीना 1986 से अब तक आठवीं बार चुनाव जीत चुकीं हैं।
लेकिन इस बार हुए आम चुनाव का विपक्षी पार्टियों ने बायकॉट कर दिया था। नतीजा ये हुआ कि चुनाव में महज 40 फीसदी वोट ही पड़े। वहीं, आवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादिर ने दावा किया कि लोगों ने वोट देकर बीएनपी और जमात-ए-इस्लामी की बायकॉट को खारिज कर दिया।
संसद सदस्य के रूप में शेख़ हसीना का यह उनका आठवां कार्यकाल है। हसीना 2009 से सत्ता पर काबिज हैं और एकतरफा चुनाव में लगातार चौथी बार जीत हासिल की है। अहम बात यह है कि 1991 में लोकतंत्र की बहाली के बाद से ऐसा दूसरी बार है जब सबसे कम मतदान हुआ।
पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के नेतृत्व वाली पार्टी ‘बीएनपी’ ने चुनाव का बहिष्कार किया और चुनाव के दिन हड़ताल पर चली गयी थी। पार्टी ने मंगलवार से शांतिपूर्ण सार्वजनिक भागीदारी कार्यक्रम के माध्यम से अपने सरकार विरोधी आंदोलन को तेज करने की योजना बनाई है और चुनावों को ‘‘फर्जी’’ करार दिया है।