अमेरिकी विदेश नीति में बढ़ते खतरों के देख, यूरोपीय देशों का रक्षा बजट बढ़ाने का फैसला

अमेरिकी विदेश नीति में बढ़ते खतरों के देख, यूरोपीय देशों का रक्षा बजट बढ़ाने का फैसला

यूरोपीय देशों ने बढ़ते वैश्विक खतरों और अमेरिका की विदेश नीति में बदलाव को देखते हुए अपनी रक्षा क्षमता मजबूत करने का फैसला किया है। जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्त्स ने कहा कि यूरोप को अपनी सुरक्षा पर अधिक निवेश करने की जरूरत है, ताकि वह बाहरी खतरों का मुकाबला कर सके और अमेरिका पर अपनी निर्भरता कम कर सके।

800 अरब यूरो का रक्षा कोष तैयार
यूरोपीय आयोग ने लगभग 800 अरब यूरो (863 अरब डॉलर) जुटाने की योजना बनाई है, जिसका उद्देश्य रक्षा निवेश और सैन्य आपूर्ति को बढ़ाना है। यूरोप लंबे समय से अमेरिका की सैन्य छत्रछाया में रहा है, लेकिन अब रूस-यूक्रेन युद्ध, मध्य पूर्व में तनाव और चीन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए यूरोपीय संघ अपने सुरक्षा तंत्र को मजबूत करना चाहता है।

यूक्रेन को समर्थन देने के लिए यूरोपीय संघ की आपात बैठक
गुरुवार को यूरोपीय संघ के नेताओं ने एक आपातकालीन बैठक आयोजित की, जिसमें यूक्रेन को अधिक सहायता और सैन्य समर्थन देने पर चर्चा हुई। यह बैठक व्हाइट हाउस में वलोडिमिर ज़ेलेंस्की और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तथा उनके डिप्टी जेडी वेंस के बीच तीखी बहस के बाद हुई। ट्रंप और वेंस का मानना है कि अमेरिका यूक्रेन, नाटो और अन्य सैन्य गठबंधनों पर जरूरत से ज्यादा खर्च कर रहा है, और इसे कम किया जाना चाहिए। इस कारण यूरोपीय देश अब अपनी रक्षा के लिए स्वतंत्र रूप से कदम उठाने पर विचार कर रहे हैं।

यूरोप से बाहर के देशों के लिए भी सहयोग
चांसलर ओलाफ शोल्त्स ने यह भी स्पष्ट किया कि यह रक्षा निवेश योजना सिर्फ यूरोपीय संघ के सदस्य देशों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि स्विट्ज़रलैंड, ब्रिटेन और तुर्की जैसे करीबी देशों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। यह कदम यूरोप की रक्षा रणनीति को अधिक व्यापक बनाने और बाहरी खतरों से निपटने में मदद करेगा।

यूरोपीय रक्षा कंपनियों के बीच सहयोग की मांग
इसके अलावा, शोल्त्स ने यूरोपीय रक्षा कंपनियों के बीच और अधिक समन्वय और सहयोग की अपील की। उनका मानना है कि यूरोपीय सैन्य उद्योग को एकीकृत और मजबूत किया जाना चाहिए, ताकि यह अमेरिका और चीन की सैन्य कंपनियों का मुकाबला कर सके।

यूरोप अब अमेरिका पर अत्यधिक निर्भरता से बाहर निकलकर अपनी रक्षा क्षमता को मजबूत करने के लिए तैयार हो रहा है। बढ़ते भू-राजनीतिक खतरों और अमेरिका की बदलती नीतियों को देखते हुए यूरोपीय संघ ने बड़े पैमाने पर रक्षा बजट बढ़ाने का निर्णय लिया है। आने वाले दिनों में यह देखा जाएगा कि यूरोप की नई रक्षा नीति कितनी प्रभावी होती है और यह वैश्विक सुरक्षा संतुलन को कैसे प्रभावित करती है।

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