उत्तरी ग़ाज़ा में एक लाख फिलिस्तीनी फंसे हुए हैं: फिलिस्तीनी इमरजेंसी सर्विस
फिलिस्तीनी आपातकालीन सेवाओं ने कहा है कि इज़रायली टैंकों ने उत्तरी गाज़ा के दो कस्बों और एक ऐतिहासिक शरणार्थी शिविर में धावा बोला है, जिसके परिणामस्वरूप एक लाख नागरिक फंसे हुए हैं। इज़रायली सेना ने सोमवार को दावा किया था कि इज़रायली सैनिकों ने क़मल अदवान अस्पताल में छापेमारी के दौरान हमास के लगभग सैकड़ों लड़ाकों को पकड़ लिया है। हालांकि उसने इसका कोई सबूत पेश नहीं किया है। इज़रायल लगातार हमास के लड़ाकों के बहाने वहां के मज़लूम बच्चों, औरतों और बुज़ुर्गों को क्रूरता और बेरहमी के साथ नरसंहार कर रहा है। यहां तक कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा राहत सामग्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
यूरोपीय संघ, इज़रायल के इस को प्रतिबंध के ख़िलाफ़ केवक बयान देने का नाटक कर रहे हैं। वास्तविकता यह है कि, फ़िलिस्तीनियों के नरसंहार और इज़रायल की क्रूरता में अमेरिका समेत सभी यूरोपीय देश बराबर के भागीदार हैं। हमास और चिकित्सा कर्मियों ने अस्पताल में हमास के लड़ाकों की मौजूदगी से इनकार किया था। फिलिस्तीनी आपातकालीन सेवाओं ने कहा कि जबालिया, बेइत लाहिया और बेइत हनून में एक लाख लोग भोजन और चिकित्सा आपूर्ति के बिना फंसे हुए हैं। आपातकालीन सेवाओं ने आगे कहा कि उत्तरी गाज़ा में इज़रायल के लगातार हमलों के कारण उनका संचालन रुक गया है।
युद्ध-विराम के प्रयास ध्यान देने योग्य है कि रविवार को लंबे समय बाद अमेरिका, मिस्र और क़तर की मदद से युद्ध-विराम के लिए बातचीत फिर से शुरू हुई थी। मिस्र के राष्ट्रपति ने युद्ध-विराम और बंधकों की रिहाई के लिए दो दिन के युद्ध-विराम का प्रस्ताव दिया था। हालांकि, इज़रायल और हमास ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। ध्यान देने योग्य है कि लेबनान में इज़रायली हमलों में वृद्धि के बाद मध्य पूर्व में युद्ध का खतरा बढ़ गया है। ईरान के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा था कि तेहरान इज़रायल के हमलों का जवाब देने के लिए “हर तरह के हथियारों का इस्तेमाल करेगा।”