नेतन्याहू को पश्चिमी देशों का समर्थन मिलना शर्मनाक: प्रियंका गांधी
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को ग़ाज़ा में जंग के लिए इज़रायली सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने वैश्विक समुदाय से अपील की है कि वे ग़ाज़ा में इज़रायल के नरसंहार के खिलाफ आवाज उठाएं और उन पर सीजफायर के लिए दबाव बनाएं। प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया कि, गाज़ा में हो रहे भयानक नरसंहार में दिन-ब-दिन मारे जा रहे नागरिकों, माताओं, पिताओं, डॉक्टरों, नर्सों, सहायता कर्मियों, पत्रकारों, शिक्षकों, लेखकों, कवियों, वरिष्ठ नागरिकों और हजारों मासूम बच्चों के लिए बोलना अब पर्याप्त नहीं है।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार (26 जुलाई) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में इज़रायल-ग़ाज़ा युद्ध के मुद्दे को उठाया। अपने इस पोस्ट में प्रियंका गांधी ने इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को मिल रहे समर्थन को शर्मनाक बताया। नेतन्याहू पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, “इज़रायली PM ने अमेरिकी संसद में बताया कि यह सभ्यता और बर्बरता की बीच की लड़ाई है। वे बिल्कुल सही थे। इज़रायल की सरकार और नेतन्याहू बर्बरता फैला रहे हैं और उन्हें पश्चिमी दुनिया समर्थन कर रही है। यह सब होते देखना शर्म की बात है।
उन्होंने कहा, यह हर सही सोच रखने वाले व्यक्ति की नैतिक जिम्मेदारी है, जिसमें वे सभी इज़रायली नागरिक भी शामिल हैं जो नफरत और हिंसा में विश्वास नहीं रखते, और दुनिया की हर सरकार की भी जिम्मेदारी है कि वे इज़रायली सरकार की नरसंहारकारी कार्रवाइयों की निंदा करें और उन्हें रोकने के लिए मजबूर करें। उनकी हरकतें उस दुनिया में अस्वीकार्य हैं जो सभ्यता और नैतिकता का दावा करती है। इसके बजाय, हमें अमेरिकी कांग्रेस में इज़रायल के प्रधानमंत्री को खड़े होकर तालियाँ बजाते हुए देखा जा रहा है।
नेतन्याहू ने कहा था कि इज़रायल की जंग बर्बरता और सभ्यता के बीच की लड़ाई है। यहां एक तरफ ऐसे लोग हैं जो मृत्यु को पूजते हैं और दूसरी तरफ जो जीवन को पवित्र मानते हैं। सभ्यता की इस लड़ाई में अमेरिका और इज़रायल को साथ खड़े रहने की जरूरत है। प्रियंका गांधी का यह बयान बुधवार (24 जुलाई) को अमेरिकी संसद में इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के इस भाषण के बाद आया है।
उन्होंने अपने पोस्ट ये भी लिखा, ‘इज़रायल की हरकतों को ऐसी दुनिया में स्वीकार नहीं किया जा सकता जो सभ्यता और नैतिकता की पक्षधर है। हम इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की छवि के अधीन हैं जिनका अमेरिकी कांग्रेस में तालियां बजाकर स्वागत किया जा रहा है। वो इसे बर्बरता और सभ्यता के बीच का टकराव बता रहे हैं। वो बिल्कुल सही हैं क्योंकि इजरायली सरकार की बर्बरता को पश्चिमी दुनिया के ज्यादातर देशों का समर्थन प्राप्त हो रहा है, ये देखना काफी शर्मनाक है।
इससे पहले पिछले साल 7 अक्टूबर को भी कांग्रेस पार्टी ने वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक के दौरान इज़रायल पर हमास के हमले में फिलिस्तीन का समर्थन किया था। कांग्रेस ने CWC बैठक के बाद एक प्रस्ताव पास कर कहा था कि मिडिल ईस्ट में हो रहे युद्ध में हजारों लोग मारे गए हैं, हमें इसका दुख है। CWC फिलिस्तीनी लोगों के जमीनी हक, स्वशासन, आत्मसम्मान और गरिमा से जीने के अधिकारों के लिए समर्थन को दोहराती है।


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