ग़ाज़ा पर इज़रायली के हमलों के विरोध में यूरोपीय सड़कों पर ज़ोरदार प्रदर्शन
हज़ारों फ़िलिस्तीन समर्थक, यूरोप के बड़े शहरों में इज़रायल के लगातार हो रहे ग़ाज़ा हमलों को रोकने की मांग के साथ सड़कों पर उतरे और इन हमलों को “नरसंहार” क़रार दिया।आईआरएनए की रिपोर्ट के अनुसार, पेरिस में शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने फ़िलिस्तीन के झंडे लेकर मशहूर “प्लास द ला रेपुब्लिक” चौक में जमा होकर नारे लगाए — “ग़ाज़ा, पेरिस तुम्हारे साथ है” और “फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध ज़िंदाबाद”। उन्होंने फ़्रांस सरकार से इज़रायल पर पाबंदियाँ लगाने और जनता से इज़रायल समर्थक बहुराष्ट्रीय कंपनियों का बहिष्कार करने की अपील की।
इस प्रदर्शन में परिवार अपने बच्चों के साथ शामिल हुए। एक कार्यकर्ता ने शांति के प्रतीक दो सफ़ेद कबूतर उड़ाए जबकि कुछ अन्य लोगों ने आटे की प्रतीकात्मक बोरियां उठाईं ताकि ग़ाज़ा में भुखमरी की ओर ध्यान दिला सकें। “गेब्रियल काताला”, पार्टी फ़्रांस इंसुमिस (LFI) के प्रतिनिधि, जो जुलाई में मानवतावादी जहाज़ “हनज़ला” में मौजूद थे और जिसे इज़रायल ने ज़ब्त कर लिया था, भी इस सभा में शामिल हुए।
स्टॉकहोम में, सैकड़ों लोग “ओडनप्लान” चौक पर नागरिक समाज संगठनों द्वारा आयोजित रैली में शामिल हुए। उन्होंने तख़्तियां उठाईं जिन पर लिखा था — “ग़ाज़ा में भुखमरी रोकिए”, “बच्चे मारे जा रहे हैं” और “स्कूल व अस्पताल बमबारी का निशाना बन रहे हैं”। प्रदर्शनकारी विदेश मंत्रालय की ओर मार्च करते हुए स्वीडन सरकार से चुप्पी तोड़ने और ग़ाज़ा में इज़रायल के सैन्य हमलों व कब्ज़े की योजनाओं के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की मांग कर रहे थे।
मानवाधिकार कार्यकर्ता “फ़्रेड्रिक योहानसन” ने इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की नीतियों की निंदा की और कहा कि उनका लक्ष्य केवल हमास का खात्मा नहीं बल्कि ग़ाज़ा के लोगों को ज़बरन विस्थापित करना और पूरे क्षेत्र पर कब्ज़ा करना है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “पूरे क़ौम को सज़ा देना युद्ध अपराध है,” और इज़रायल की ग़ैरक़ानूनी कार्रवाई 7 अक्तूबर 2023 से नहीं बल्कि दशकों से जारी है।
इसी बीच, ब्रिटेन की मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने शनिवार को लंदन संसद चौक पर जमा कई फ़िलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों को गिरफ़्तार किया। यह रैली “एक्शन फ़ॉर पलेस्टाइन” नामक समूह पर लगे प्रतिबंध के ख़िलाफ़ थी, जिसने देश में विरोध प्रदर्शन की आज़ादी पर नई बहस छेड़ दी है। लंदन पुलिस के अनुसार, अब तक गिरफ़्तार लोगों की संख्या 425 से ज़्यादा हो गई है।
ये प्रदर्शन ऐसे समय हो रहे हैं जब ग़ाज़ा में नरसंहार को लगभग दो साल हो चुके हैं। ग़ाज़ा के स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक़, अक्तूबर 2023 से अब तक इज़रायली हमलों में 64 हज़ार से अधिक फ़िलिस्तीनी शहीद हो चुके हैं और इलाक़ा भुखमरी की स्थिति में है।
आईआरएनए की रिपोर्ट के मुताबिक़, 7 अक्तूबर 2023 से अमेरिकी समर्थन के साथ इस्राइल ने ग़ाज़ा पर विनाशकारी जंग थोप रखी है, जिसके चलते हज़ारों फ़िलिस्तीनी, जिनमें ज़्यादातर औरतें और बच्चे हैं, शहीद और घायल हो चुके हैं। भारी तबाही और जानलेवा अकाल के बीच, इज़रायल, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के आदेशों को ठुकराते हुए ग़ाज़ा के लोगों के ख़िलाफ़ नरसंहार जारी रखे हुए है।


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