ग़ाज़ा पर हो रही बमबारी को तुरंत रोकने के लिए न्यूयॉर्क में यहूदियों का बड़ा प्रदर्शन
अमेरिका में रहने वाले वैसे यहूदी बड़ी संख्या में हैं जो चाहते हैं कि गजा पर हो रही बमबारी को तुरंत रोका जाये और शांति के लिए प्रयास किया जाये। ग़ाज़ा युद्ध को रोकने की मांग करने वाले इन यहूदी अमेरिकियों ने शुक्रवार को न्यूयॉर्क शहर में विरोध प्रदर्शन किया है।
इजरायल और हमास में तीन सप्ताह पहले शुरू हुए संघर्ष के बाद से न्यूयॉर्क शहर में हुए सबसे बड़े विरोध प्रदर्शनों में से यह एक था। यहां बड़ी संख्या में जुटे यहूदियों ने काले रंग की पोशाक पहनी हुई थी। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक इज़रायल-हमास युद्ध में संघर्ष विराम की मांग करने वाले सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को मिडटाउन मैनहट्टन में ग्रैंड सेंट्रल टर्मिनल पर विरोध प्रदर्शन किया है।
यहूदी वॉयस फॉर पीस द्वारा आयोजित यह विरोध प्रदर्शन ऐसे समय में हुआ है जब इजराइल ने ग़ाज़ा के अंदर अपने सैन्य अभियान बढ़ा दिए हैं। प्रदर्शनकारियों ने “अब संघर्ष विराम करो” और “ग़ाज़ा को रहने दो” के नारे लगाते हुए रेलवे स्टेशन को भर दिया। इनमें से ज्यादातर ने काली शर्ट पहनी थी जिस पर लिखा था “हमारे नाम पर नहीं।” एक पुलिस अधिकारी ने अनुमान लगाया कि इस मौके पर लगभग 1,000 प्रदर्शनकारी थे।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट कहती है कि प्रदर्शनकारी “फ़िलिस्तीनियों को आज़ाद होना चाहिए”, “इज़रायली अब संघर्ष विराम की मांग करते हैं” लिखे बैनर लेकर टर्मिनल की सीढ़ियों पर खड़े थे। इसमें कहा गया है कि एक प्रदर्शनकारी ने एक तख्ती पकड़ रखी थी जिस पर लिखा था कि “अब संघर्ष विराम करो।” काले कपड़े पहने अन्य प्रदर्शनकारियों की भीड़ उनके आसपास जमा हो गई।
प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान युद्ध रोकने के लिए खूब नारेबाजी की। रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार को प्रदर्शन कर रहे कई प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है। ऐसे ही एक प्रदर्शनकारी यहूदी वॉयस फ़ॉर पीस के 81 वर्षीय सदस्य रोज़लिंड पेटचेस्की जिन्हें बाद में गिरफ्तार किया गया ने कहा कि मैं इस युद्ध में विश्वास नहीं करता।
अमेरिका में 50 लाख से अधिक यहूदी रहते हैं। इनमें से बड़ी संख्या को इजरायल की नागरिकता भी मिली हुई है। इसके बावजूद ज्यादातर यहूदी अमेरिकी ग़ाज़ा में युद्ध विराम चाहते हैं। ये वैसे यहूदी है जो बेहद शिक्षित और उच्च पदों पर हैं। ये मानवाधिकारों और शांति के पैरोकार हैं और मानते हैं कि युद्ध किसी भी समस्या का समाधान नहीं है।
ये लगातार ग़ाज़ा युद्ध में बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की मौत पर दुख जता रहे हैं। इनका मानना है कि फिलिस्तीन को आजाद होना चाहिए। फिलिस्तीनियों के मानवाधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए। ये मानते हैं कि हमास के आतंकियों ने इजरायल के आम लोगों की हत्या कर बेहद गलत काम किया है। लेकिन इसकी सजा ग़ाज़ा के निर्दोष आम नागरिकों को देना कहीं से भी न्यायपूर्ण नहीं है।