फिलिस्तीनी क्षेत्र पर इजरायल का निरंतर कब्जा गैरकानूनी: आईसीजे

फिलिस्तीनी क्षेत्र पर इजरायल का निरंतर कब्जा गैरकानूनी: आईसीजे

अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) ने कहा है कि फिलिस्तीनी के कब्जे वाले क्षेत्र पर इज़रायल का निरंतर कब्जा गैरकानूनी है, और इज़रायल को अपना कब्जा समाप्त करने और सभी प्रभावित व्यक्तियों को क्षतिपूर्ति करने के लिए बाध्य होना चाहिए। न्यायालय ने 30 दिसंबर, 2022 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए ) के अनुरोध के जवाब में “पूर्वी यरुशलम सहित कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र में इज़रायल की नीतियों और प्रथाओं से उत्पन्न होने वाले कानूनी परिणामों” पर अपनी सलाहकार राय में इस निष्कर्ष पर पहुंचा।

हेग में आईसीजे के अध्यक्ष नवाफ सलाम ने शुक्रवार को फिलिस्तीनी क्षेत्र पर इजरायल के कब्जे पर 15 जजों के पैनल द्वारा जारी गैर-बाध्यकारी सलाहकार राय पढ़ी। यानी आईसीजे की यह राय इजरायल माने या न माने, उस पर निर्भर करता है। हालांकि आईसीजे की यह राय या फैसला पहली बार इस तरह का आया है, जो असाधारण है।

जजों ने इशारा किया कि वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम में इजरायली बस्तियों का निर्माण और विस्तार, क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल, भूमि पर कब्जा और स्थायी नियंत्रण लागू करना गैरकानूनी है। फिलिस्तीनियों के खिलाफ भेदभावपूर्ण नीतियां अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। अदालत ने कहा कि इजरायल को इन क्षेत्रों की संप्रभुता का कोई अधिकार नहीं है। वह बलपूर्वक क्षेत्र हासिल करने के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन कर रहा है और फिलिस्तीनियों के आत्मनिर्णय के अधिकार में बाधा डाल रहा है।

आईसीजे ने क्या कहा ?
संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत ने कहा कि पश्चिमी तट और पूर्वी यरुशलम में इजरायल की बस्तियां बसाने की नीति अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करती है। उसने फिलस्तीनी राज्य के लिए मांगी गई भूमि पर इजरायल के 57 वर्षों के कब्जे की वैधता पर एक गैर-बाध्यकारी सलाहकारी राय दी। यह एक ऐसा निर्णय है, जिसका इजरायल की नीतियों की तुलना में अंतरराष्ट्रीय राय पर अधिक प्रभाव पड़ सकता है।

जिनेवा संधि का उल्लंघन 
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के अध्यक्ष नवफ सलाम को विश्व भर के 15 न्यायाधीशों की समिति की राय पढ़ने में लगभग एक घंटे का समय लगने की उम्मीद है। अपनी राय में उन्होंने कहा कि समिति ने पाया है कि “इजरायल द्वारा पश्चिमी तट और यरुशलम में बसने वालों का स्थानांतरण तथा इजरायल द्वारा उनकी उपस्थिति बनाए रखना, चौथी जिनेवा संधि के अनुच्छेद 49 के विपरीत है।” अदालत ने इस बात पर भी “गंभीर चिंता” व्यक्त की कि इजरायल की बस्ती नीति का विस्तार हो रहा है।

फिलिस्तीनी विदेश मंत्री ने फैसले का स्वागत किया
आईसीजे की राय का स्वागत करते हुए फिलिस्तीनी विदेश मंत्री रियाद मलिकी ने हेग में पत्रकारों से कहा कि यह फैसला “फिलिस्तीन के लिए, न्याय के लिए और अंतरराष्ट्रीय कानून के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण” का संकेत है। मलिकी ने कहा- “आईसीजे ने इस ऐतिहासिक फैसले के साथ अपने कानूनी और नैतिक कर्तव्यों को पूरा किया। सभी राज्यों को अब अपने स्पष्ट दायित्वों का पालन करना चाहिए। इजरायल को किसी देश द्वारा कोई सहायता नहीं, कोई मिलीभगत नहीं, कोई पैसा नहीं, कोई हथियार नहीं, कोई व्यापार नहीं, कुछ नहीं जैसा बर्ताव करना चाहिए। इज़रायल के अवैध कब्जे का समर्थन नहीं किया जाना चाहिए।”

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Hot Topics

Related Articles