इज़रायली सेना का चलती गाड़ी पर हवाई हमला, 5 फिलिस्तीनी शहीद, कई घायल
रामल्लाह: पश्चिमी किनारे के उत्तरी शहर तूबास में इज़रायली सेना ने एक चलती हुई गाड़ी पर हवाई हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप 5 फिलिस्तीनी शहीद हो गए और एक गंभीर रूप से घायल हो गया है। इस हमले ने क्षेत्र में पहले से तनावपूर्ण स्थिति को और बढ़ा दिया है।
अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट:
अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, यह हमला इज़रायली सेना द्वारा किए गए कई हमलों में से एक था, जिसमें कथित रूप से उन सशस्त्र व्यक्तियों को निशाना बनाया गया, जिन्हें इज़रायल अपनी सुरक्षा के लिए खतरा मानता है। इज़रायली सेना ने टेलीग्राम ऐप पर जारी एक पोस्ट में बताया कि उन्होंने तीन हवाई हमले किए, जिसमें वे व्यक्तियों को निशाना बनाया गया, जो उनके सैनिकों के लिए खतरा बन सकते थे।
चश्मदीदों का बयान:
स्थानीय चश्मदीदों ने बताया कि तूबास के अल-फारिया शरणार्थी शिविर पर भीषण हवाई हमला किया गया। इस दौरान इलाके में जोरदार धमाकों की आवाजें सुनी गईं, जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई। यह हमला एक बड़े सैन्य ऑपरेशन का हिस्सा माना जा रहा है, जिसका उद्देश्य इज़राइली सेना के खिलाफ उठ रहे विरोध को दबाना है।
फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय का बयान:
फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि इस सैन्य अभियान के दौरान अब तक 40 से अधिक फिलिस्तीनी नागरिक शहीद हो चुके हैं, जबकि 140 से अधिक घायल हुए हैं। कई घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ने की संभावना है। फिलिस्तीनी क्षेत्र में इस हमले को लेकर काफी आक्रोश है, और इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया जा रहा है।
लेबनान से इज़रायल पर रॉकेट हमले:
इज़रायली सेना ने इस बीच एक और बयान में बताया कि पिछले 8 महीनों में लेबनानी क्षेत्रों से इज़रायल पर 6,611 रॉकेट दागे गए हैं। इज़रायली सेना के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2024 में लेबनान से 334 रॉकेट, फरवरी में 534, मार्च में 746, अप्रैल में 744, मई में 1000, जून में 855 और जुलाई में 1090 रॉकेट दागे गए। अगस्त में लेबनान से 40 रॉकेट प्रतिदिन के औसत से दागे गए, जिससे कुल मिलाकर 1,307 रॉकेट फायर किए गए।
क्षेत्रीय तनाव में वृद्धि:
यह हवाई हमला और रॉकेट दागने की घटनाएं मध्य पूर्व में तनावपूर्ण स्थिति को और भड़का रही हैं। इज़राइल और फिलिस्तीन के बीच लगातार बढ़ती हिंसा ने न केवल इन दोनों देशों के संबंधों को खराब किया है, बल्कि पूरे क्षेत्र में अस्थिरता फैला दी है। इस घटना के बाद से तूबास और आसपास के क्षेत्रों में इज़रायली सैन्य गतिविधियों में बढ़ोतरी देखी जा रही है, और आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ने की आशंका जताई जा रही है।