ईरान ने यमन पर अमेरिका और ब्रिटेन के हमलों की निंदा की

ईरान ने यमन पर अमेरिका और ब्रिटेन के हमलों की निंदा की

तेहरान: ईरान ने यमन में हूती ठिकानों पर संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम के ताजा हमलों की कड़ी निंदा की है। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनआनी ने एक बयान में कहा कि हमलों से यमन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन हुआ है और यह बेहद दुखद और अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है।

क्षेत्रीय देशों पर अमेरिका और ब्रिटेन के सैन्य हमले क्षेत्र में अपने नाजायज लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए उग्रवाद का सहारा लेने के उनके गलत तरीके को दर्शाते हैं।

गौरतलब है कि शनिवार को अमेरिकी और ब्रिटिश सेना ने यमन के विभिन्न शहरों में हूती विद्रोहियों के खिलाफ संयुक्त हमले किए थे, जिसे अमेरिकी रक्षा विभाग ने अंतरराष्ट्रीय मालवाहक जहाजों पर हौथी समूह के हमलों का जवाब बताया था।
पिछले महीने से, लाल सागर में इज़रायल से जुड़े जहाजों पर होती समूह के हमलों के जवाब में संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन ने यमन में होती समूह के ठिकानों पर हमले शुरू कर दिए हैं।

वहीं हूतियों का कहना है कि उनके हमलों का मकसद ग़ाज़ा पट्टी के खिलाफ जारी इज़रायली हमलों और उसके अत्याचारों को रोकना है, और फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाना है। बता दें कि इज़रायल ग़ाज़ा पट्टी में लगातार हमले कर रहा हैं। वह खुल्लमखुल्ला फ़िलिस्तीनियों का नरसंहार कर रहा है।

अंतर्राष्ट्रीय अदालत और यूएन में युद्ध-विराम प्रस्ताव पारित होने के बाद भी इज़रायल हमले रोकने को तैयार नहीं है। इज़रायल में नेतन्याहू के ख़िलाफ़ वहां की जनता में ज़बरदस्त आक्रोश है। इज़रायल में नेतन्याहू के विरुद्ध लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहा है। हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों के परिजन नेतन्याहू को युद्ध अपराधी बताते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं।

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