हजारीबाग से बीजेपी सांसद जयंत सिन्हा के बेटे कांग्रेस में शामिल
रांची। परिवार एक। चूल्हा एक। पीढ़ी तीन। अब विचारधारा भी तीन। बाबा जोरा घास फूल के साथ, तो पिता कमल खिलाने की तैयारी में अब बेटा कांग्रेस के साथ हो गया। जी हां, बात हो रही हैं झारखंड की राजनीति में एक ऐसे परिवार की, जो हजारीबाग से संबंधित है। यह परिवार है यशवंत सिन्हा का। एनडीए की सरकार में मंत्री रह चुके यशवंत सिन्हा के पोते और हज़ारी बाग़ से भाजपा सांसद जयंत सिन्हा के बेटे कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।
हजारीबाग सीट से सांसद जयंत सिन्हा ने एक्स पर लिखा था, ”मैंने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा जी से चुनावी दायित्वों से मुक्त करने की अपील की है ताकि मैं भारत और दुनिया में वैश्विक जलवायु परिवर्तन से निपटने के अपने प्रयास पर ध्यान दे पाऊं। जयंत सिन्हा 2014 और 2019 के चुनाव में हजारीबाग सीट से जीते थे। बता दें कि विदेश मंत्री रह चुके यशवंत सिन्हा ने साल 2018 में बीजेपी छोड़ने का ऐलान किया था। वो मोदी सरकार के खिलाफ लगातार बयान देते रहे हैं।
आशिर सिन्हा ने सोमवार को कांग्रेस का दामन थाम लिया। आप समझ सकते हैं कि घर में जब एक टेबल पर तीन पीढ़ी के लोग एक साथ राजनीति चर्चा करेंगे, तो क्या स्थिति होगी। कारण बाबा यशवंत सिन्हा अभी टीएमसी में हैं। राष्टÑपति का चुनाव भी लड़ चुके हैं। वहीं पिता जयंत सिन्हा भाजपा से सांसद हैं। अब स्थिति यह है कि जयंत सिन्हा के पुत्र आशिर सिन्हा ने हाथ का साथ देने का फैसला लिया है। यानी पूर्व बीजेपी सांसद यशवंत सिन्हा के पोते और बीजेपी सांसद जयंत सिन्हा के बेटे आशिर सिन्हा ने कांग्रेस की सदस्यता ले ली है।
उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यक्रम में कांग्रेस का दामन थामा। कहा जा रह है कि भाजपा द्वारा जयंत सिन्हा का टिकट काटे जाने के बाद बेटे आशिर सिन्हा ने कांग्रेस की सदस्यता ली। मीडिया से बातचीत करते हुए आशिर ने कहा कि बहुत खुशी हो रही है कि कांग्रेस में शामिल हुआ हूं। अब जेपी पटेल के पक्ष में वोट करने की अपील करेंगे जेपी पटेल ही हजारीबाग और युवाओं को बचा सकते हैं। मुझे फिलहाल पॉलिटिक्स में कोई दिलचस्पी नहीं है। कांग्रेस से मुझे एक प्लेटफॉर्म मिला है। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से हजारीबाग का नाम रोशन करना चाहता हूं।
कांग्रेस ने इस सीट से जेपी पटेल को उम्मीदवार बनाया है। उन्होंने हाल ही में बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा था। यहां ये बताना जरूरी है कि झारखंड में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में आशिर सिन्हा की पार्टी में क्या भूमिका होती है। जहां तक बीजेपी की बात है, इस सीट से पार्टी ने मनीष जायसवाल पर भरोसा जताया है. वो सदर विधायक हैं।
झारखंड में हजारीबाग लोकसभा सीट पर 20 मई को मतदान होना है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 1998 के बाद ऐसा यह पहली बार है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के परिवार का कोई सदस्य हज़ारीबाग़ से चुनाव नहीं लड़ रहा है। कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि जयंत सिन्हा के बेटे आशिर सिन्हा झारखंड कांग्रेस का हिस्सा होंगे और उन्हें कुछ भूमिका दी जाएगी। हालांकि ये अभी तय नहीं हुआ है। उधर बीजेपी प्रवक्ता विनय कुमार ने कहा है कि हजारीबाग से अगर कोई कांग्रेस में शामिल हुआ है तो ये हमारे लिए कोई समस्या की बात नहीं है।