व्हाइट हाउस में ज़ेलेंस्की के अपमान की जर्मनी ने आलोचना की

व्हाइट हाउस में ज़ेलेंस्की के अपमान की जर्मनी ने आलोचना की

जर्मनी की क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (CDU) के अध्यक्ष फ्रेडरिक मर्ज़ ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ किए गए अपमानजनक व्यवहार की आलोचना की। हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर ट्रंप या उनके डिप्टी जेडी वेंस का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक संदेश साझा किया।

मर्ज़ ने अपने संदेश में ज़ेलेंस्की को व्यक्तिगत रूप से संबोधित करते हुए उन्हें “प्रिय वलोडिमिर” कहा और यह संकेत दिया कि जर्मनी यूक्रेन का समर्थन जारी रखेगा, चाहे वैश्विक राजनीति की परिस्थितियां कुछ भी हों। यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका में रिपब्लिकन नेतृत्व यूक्रेन के लिए सैन्य और आर्थिक समर्थन में कटौती की संभावनाओं पर विचार कर रहा है।

व्हाइट हाउस में ट्रंप की ज़ेलेंस्की पर कड़ी टिप्पणी
रिपोर्टों के अनुसार, शुक्रवार को एक असामान्य और तनावपूर्ण बैठक में, डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में वलोडिमिर ज़ेलेंस्की पर जोरदार हमला बोला। ट्रंप ने आरोप लगाया कि “ज़ेलेंस्की लाखों लोगों की जान से खेल रहे हैं” और चेतावनी दी कि उनके कार्यों से “तीसरा विश्व युद्ध” भड़क सकता है।

ट्रंप की तीखी आलोचना यहीं नहीं रुकी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने न केवल ज़ेलेंस्की को कठोर शब्दों में फटकारा, बल्कि अंततः उन्हें और उनके प्रतिनिधिमंडल को व्हाइट हाउस से बाहर निकलने का आदेश दिया। इस अप्रत्याशित कदम ने न केवल अमेरिकी राजनीतिक गलियारों में, बल्कि यूरोपीय देशों के बीच भी हलचल मचा दी।

जर्मनी की प्रतिक्रिया: यूक्रेन के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई
इस पूरे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए, जर्मनी के संभावित भविष्य के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ ने ट्रंप की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा, “हमें कभी भी इस भयानक युद्ध में आक्रमणकारी और पीड़ित के बीच अंतर को भूलना नहीं चाहिए।”

यह बयान सीधे तौर पर संकेत देता है कि जर्मनी की सरकार रूस के आक्रमण के खिलाफ यूक्रेन के समर्थन को कम करने के मूड में नहीं है। हालांकि अमेरिका और कुछ अन्य पश्चिमी देश अब यूक्रेन को समर्थन देने की अपनी नीति पर पुनर्विचार कर रहे हैं, जर्मनी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह यूक्रेन के साथ खड़ा रहेगा।

यूरोप में कई विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अमेरिका ने यूक्रेन के समर्थन में कटौती की, तो जर्मनी और अन्य यूरोपीय देश इस खालीपन को भरने के लिए मजबूर हो सकते हैं। हाल के महीनों में जर्मनी ने यूक्रेन को सैन्य सहायता बढ़ाने के संकेत भी दिए हैं, जो कि यूरोप की रणनीतिक स्थिति को और महत्वपूर्ण बना सकता है।

क्या ट्रंप की नीति यूरोप और अमेरिका के बीच दरार पैदा करेगी?
ट्रंप का यह कदम सिर्फ यूक्रेन ही नहीं, बल्कि पूरे यूरोपीय संघ और अमेरिका के बीच रिश्तों को भी प्रभावित कर सकता है। अब तक अमेरिका और यूरोप रूस के खिलाफ एकजुट रणनीति अपनाते आए हैं, लेकिन अगर ट्रंप का रवैया यूक्रेन के लिए कठोर बना रहता है, तो यूरोपीय देशों को खुद अपने दम पर सैन्य और कूटनीतिक समर्थन बढ़ाने पर विचार करना पड़ सकता है।

इसके अलावा, इस घटना ने अमेरिका की विदेश नीति को लेकर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या ट्रंप प्रशासन अपने सहयोगियों के प्रति पहले की तरह प्रतिबद्ध रहेगा, या फिर वह “अमेरिका फर्स्ट” नीति के तहत खुद को बाकी दुनिया से अलग करने की कोशिश करेगा?

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