ग़ाज़ा का अल-कुद्स अस्पताल बंद, घायलों को जबरन निकाला गया
ग़ाज़ा में कई दिनों से अस्पतालों के खिलाफ चल रही कार्रवाई के परिणाम स्वरूप उत्तरी ग़ाज़ा के कमोबेश सभी अस्पताल ठप हो गए हैं। जिस समय यह खबर लिखी जा रही है, अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, केवल अल-अहली अस्पताल ही काम कर रहा है। अल-शिफ़ा अस्पताल को इज़रायली टैंकों ने घेर लिया है और इसका एक हिस्सा ध्वस्त कर दिया गया है, जबकि इलाज करा रहे मरीजों को जबरन वहां से हटाया जा रहा है। वहीं, अल-कुद्स अस्पताल को भी घेर लिया गया है। ग़ाज़ा के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल में ईंधन खत्म होने के कारण कामकाज ठप पड़ गया है।
WHO का अल-शिफ़ा से संपर्क टूट गया
इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बताया है कि गाजा के सबसे बड़े अस्पताल अल–शिफ़ा अस्पताल से कनेक्शन कट गया है। डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस एडनोम घेब्येयियस ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि, “डब्ल्यूएचओ का ग़ाज़ा के अल-शिफ़ा अस्पताल से संपर्क कट गया है, क्योंकि इस तरह की गंभीर रिपोर्टें आ रही हैं कि उस पर बार-बार हमले हो रहे हैं। ऐसी भी खबरें हैं कि इज़रायली सेना के आने के बाद अस्पताल में शरण लेने वालों में से कुछ ने वहां से निकलने की कोशिश की तो उन्हें गोली मार दी गई। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा, “नवीनतम रिपोर्टों के अनुसार, यह सुविधा (अल–शिफ़ा अस्पताल) टैंकों से घिरी हुई है।”
नागरिकों की सुरक्षा की अपील
WHO प्रमुख ने एक बार फिर युद्ध-विराम और नागरिकों की सुरक्षा का आह्वान किया है। डॉक्टरों ने एनबीसी न्यूज को बताया कि इज़रायली सेना ने शुक्रवार को अस्पताल पर हमला करना शुरू कर दिया। दूसरी ओर, इज़रायली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने दावा किया है कि उसने अल-शिफ़ा अस्पताल को नहीं घेरा या निशाना नहीं बनाया। उनका कहना है कि अस्पताल के आसपास इज़रायली सेना और हमास के बीच झड़पें हुई हैं।
मरीजों को जबरन बाहर निकाला जा रहा है
पहले भी कई बार झूठे साबित हो चुके इज़रायली बलों के दावों के उलट अल-शिफ़ा अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि अस्पताल युद्ध का मैदान बन गया है। यह भी आरोप लगाया गया है कि इज़रायली बलों ने अस्पताल के एक हिस्से को नष्ट कर दिया है जो हृदय संबंधी विकारों के लिए आरक्षित था और मरीजों को स्थानांतरित करने के नाम पर घायलों को जबरन अस्पताल से हटाया जा रहा है। ये वो लोग हैं जो इज़रायली हमलों में घायल होने के बाद अस्पताल में भर्ती हैं।
फिलिस्तीनी समाचार एजेंसी वफ़ा से बात करते हुए एक नागरिक ने कहा, “यह घायलों का स्थानांतरण नहीं है।” उन्हें बंदूक की नोक पर जबरन बाहर निकाला जा रहा है। फिलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्री ने भी इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि इज़रायली सेना गंभीर रूप से घायल मरीजों को अस्पताल से निकालकर सड़कों और गलियों में फेंक रही है। इस प्रकार उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया जा रहा है।