गैलेंट की बर्खास्तगी ने इज़रायल के भीतर राजनीतिक और सुरक्षा संकट को उजागर कर दिया

गैलेंट की बर्खास्तगी ने इज़रायल के भीतर राजनीतिक और सुरक्षा संकट को उजागर कर दिया

फिलिस्तीनी मुजाहिदीन आंदोलन ने योआव गैलेंट की इज़रायली रक्षा मंत्रालय से बर्खास्तगी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि गैलेंट एक अपराधी था, जिसकी विदाई एक संकेत है, लेकिन इसके बावजूद प्रतिरोध बना रहेगा। आंदोलन के अनुसार, गैलेंट की बर्खास्तगी उस कलंक और हार को मिटा नहीं पाएगी, जो उसके कार्यकाल से जुड़ी रही है। गैलेंट को इज़रायली सेना के नेतृत्व में अपने समय के दौरान फिलिस्तीनी और लेबनानी निर्दोष नागरिकों की हत्याओं के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है, जिसमें वह सीधे तौर पर नेतन्याहू और अन्य इज़रायली अधिकारियों के साथ शामिल था।

मुजाहिदीन आंदोलन ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि गैलेंट की बर्खास्तगी केवल एक व्यक्ति का हटाया जाना नहीं है, बल्कि यह इज़रायली सत्ता के भीतर गहरे बैठे भ्रम, असफलता और संकट का संकेत है। आंदोलन ने इसे इज़रायल के भीतर एक बड़े राजनीतिक और सुरक्षा संकट की शुरुआत माना है, जो दिखाता है कि नेतन्याहू सरकार न केवल युद्ध के मैदान में असफल हो रही है, बल्कि आंतरिक मामलों में भी नेतृत्व और विश्वास की कमी से जूझ रही है।

इस घटनाक्रम को समझाने के लिए फिलिस्तीनी मुजाहिदीन आंदोलन ने यह भी कहा कि नेतन्याहू की इस बर्खास्तगी की रणनीति में इज़रायली जनता को दिखाने की कोशिश की जा रही है कि उनकी सरकार, विशेषकर नेतन्याहू, सख्त और दृढ़ है। लेकिन वास्तव में यह कदम नेतन्याहू की विफलताओं और जनता के प्रति उनकी जवाबदेही से बचने का एक साधन है। यह कदम एक रणनीति के रूप में देखा जा सकता है जिसमें इज़रायली शासन प्रतिरोध को दबाने के लिए, हिंसा और अत्याचार में चेहरों का बदलाव करता है ताकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कैदियों की अदला-बदली की मांग से बचा जा सके।

पिछली रात इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अचानक योआव गैलेंट को रक्षा मंत्रालय से हटाने का फैसला किया। इस निर्णय के पीछे नेतन्याहू ने तर्क दिया कि युद्ध की परिस्थितियों में, प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री के बीच पूरी तरह से विश्वास होना चाहिए, जो हाल के महीनों में टूट गया था। नेतन्याहू ने कहा कि युद्ध के प्रबंधन में बड़े पैमाने पर खामियां देखने को मिली हैं, और प्रधानमंत्री तथा रक्षामंत्री के बीच रिश्तों में आए अविश्वास ने इस संघर्ष के दौरान गहरे अंतर पैदा किए हैं।

विश्लेषकों का मानना है कि गैलेंट की बर्खास्तगी केवल एक राजनीतिक निर्णय नहीं है, बल्कि इज़रायल के सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व में गंभीर तनाव का प्रतीक है। गैलेंट और नेतन्याहू के बीच बढ़ते मतभेद इज़रायल की युद्ध रणनीति में बड़े अंतर की ओर संकेत कर रहे हैं, जो न केवल नेतन्याहू की सरकार के लिए खतरा है बल्कि इज़रायल की सुरक्षा नीति के लिए भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

popular post

बिहार चुनाव के बीच जिस तरह पैसा बांटा गया, वह ठीक नहीं था: जन सुराज पार्टी

बिहार चुनाव के बीच जिस तरह पैसा बांटा गया, वह ठीक नहीं था: जन सुराज

संयुक्त अरब अमीरात ने इस्राईली नागरिकों को वीज़ा देना किया शुरू

कुछ दिनों पहले इस्राईल के साथ अपने संबंधों को सार्वजनिक कर कई समझौते पर हस्ताक्षर

4 दिसंबर भारतीय नौसेना दिवस

4 दिसंबर भारतीय नौसेना दिवस हर देश किसी न किसी तारीख़ को नौसेना दिवस मनाया

कल से शुरू होगी टी-20 सीरीज, जानिए कितने बजे खेला जाएगा मैच

भारतीय टीम फ़िलहाल अपने ऑस्टेलिया के दौरे पर है जहाँ पर अब तक एकदिवसीय सीरीज़

कुछ हफ़्तों में मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन आने की उम्मीद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

कोरोना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह एक सर्वदलीय बैठक की. पीएम मोदी ने

महाराष्ट्र में बीजेपी को विधान परिषद चुनाव में लगा तगड़ा झटका, सिर्फ एक सीट पर मिल सकी जीत

महाराष्ट्र में बीजेपी को विधान परिषद चुनाव में तगड़ा झटका लगा है. विधान परिषद की

5वें दौर की बैठक: किसानों का दो टूक जवाब हम सरकार से चर्चा नहीं, बल्कि ठोस जवाब चाहते हैं वो भी लिखित में,

कृषि कानूनों को लेकर पिछले 9 दिनों से धरने पर बैठे किसानों के साथ केंद्र

रूस की नसीहत, वेस्ट बैंक में एकपक्षीय कार्रवाई से बचे इस्राईल

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ़ ने मेडिटरेनीयन डायलॉग्स बैठक को संबोधित करते हुए कहा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *