चुनाव आयोग को बताना चाहिए कि जम्मू-कश्मीर चुनाव की क्या योजना है: उमर अब्दुल्ला

चुनाव आयोग को बताना चाहिए कि जम्मू-कश्मीर चुनाव की क्या योजना है: उमर अब्दुल्ला

निर्वाचन आयोग की ओर से सोमवार को देश के 5 राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना व मिजोरम में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। 5 राज्यों की विधानसभा चुनाव का आगाज 7 नवंबर से होगा और नतीजे 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। हालांकि, आयोग की ओर से जम्मू-कश्मीर में चुनाव की घोषणा न किए जाने पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला भड़क गए हैं।

जम्मू-कश्मीर में चुनाव की चर्चा न होने पर भड़के उमर अब्दुल्ला ने चुनाव आयोग से कई तीखे सवाल किए। उन्होंने कहा कि आयोग को जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने की इजाजत नहीं दी जा रही है। हमें बताएं कि इसका कारण क्या है? क्या स्थिति इतनी खराब है कि चुनाव नहीं कराए जा सकते? अब्दुल्ला ने कहा कि चुनाव आयोग को जम्मू-कश्मीर के लोगों को जवाब देना होगा कि वे उन्हें लोकतंत्र से दूर क्यों रख रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने कहा कि निर्वाचन आयोग से पूछा जाना चाहिए कि जम्मू-कश्मीर में कब चुनाव कराने की उसकी योजना है। उन्होंने कहा, ‘‘लगता है कि मीडिया को हमसे ज्यादा चिंता चुनाव को लेकर है। चुनाव हमारा अधिकार है लेकिन हम इसे लेकर घुटने नहीं टेकेंगे। अगर वे जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकारों को छीनना चाहते हैं और अगर इससे उन्हें थोड़ी खुशी मिलती हैं तो उन्हें ऐसा करने दें।

हमारा भी आत्मसम्मान और गरिमा है।’’अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पिछले दौरे के दौरान मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने स्वीकार किया था कि केंद्र शासित प्रदेश में सूनापन है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने यहां खालीपन देखा तो उसे क्यों नहीं भरा जा रहा है’ ऐसी क्या मजबूरी है’?

सेना के कमांडर ने हाल में कहा था कि अभी परिस्थितियां इतनी अनुकूल नहीं हुई हैं कि कश्मीर के भीतरी इलाकों से सैनिकों को हटाया जाए। इस बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने बयान से सहमति जताते हुए कहा कि वह जनरल से सहमत हैं क्योंकि गत सालों में परिस्थितियां और खराब हुई हैं।

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव को लेकर पूछे गए सवाल पर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने जवाब दिया है। पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि केंद्र शासित राज्य जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति और एक साथ होने वाले अन्य चुनावों को देखते हुए यह निर्णय सही समय पर लिया जाएगा।

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