इराकी प्रतिरोध का “तूफान अल-अक्सा” अभियान के समर्थन में, इज़रायली ठिकानों पर ड्रोन हमला

इराकी प्रतिरोध का “तूफान अल-अक्सा” अभियान के समर्थन में, इज़रायली ठिकानों पर ड्रोन हमला

इराकी इस्लामी प्रतिरोध समूह ने बुधवार सुबह घोषणा की कि उसने “तूफान अल-अक्सा” अभियान के समर्थन में एक बार फिर इज़रायली कब्जे वाले फिलिस्तीन में हवाई हमले किए हैं। समूह ने अपने बयान में कहा कि उसने ड्रोन का इस्तेमाल कर उत्तरी कब्जे वाले फिलिस्तीन में इज़रायली सेना के एक महत्वपूर्ण ठिकाने को निशाना बनाया है। इराकी प्रतिरोध के अनुसार, यह हमला इज़रायली सेना के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल उनके सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करता है, बल्कि कब्जाधारी शासन के खिलाफ जारी संघर्ष में एक नई दिशा भी देता है।

इस बयान में प्रतिरोध समूह ने इज़रायल के खिलाफ अपने आक्रामक रुख को दोहराते हुए कहा कि उनके हमले तब तक जारी रहेंगे जब तक कब्जाधारी शासन अपने जनसंहार वाले कृत्यों को बंद नहीं करता। बयान में यह भी कहा गया कि यह हमला खासकर लेबनान और ग़ाज़ा के नागरिकों के समर्थन में किया गया है, जिन्हें इज़रायली सेना द्वारा लगातार हमलों का सामना करना पड़ रहा है। इराकी प्रतिरोध ने कहा कि ये हमले उन निर्दोष नागरिकों के लिए एकजुटता का संदेश हैं, जो इज़रायल के हमलों का शिकार हो रहे हैं।

इराकी इस्लामी प्रतिरोध समूह पिछले एक वर्ष से इज़रायल के कब्जे वाले क्षेत्रों में कई बार ड्रोन हमले कर चुका है। ग़ाज़ा में इज़रायली हमलों के जवाब में इस्लामी प्रतिरोध ने अपने अभियान को तेज किया है, जिससे इज़रायली सेना और प्रशासन को भी उनके ठिकानों की सुरक्षा को लेकर सतर्क रहना पड़ रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि यह घटनाक्रम पश्चिम एशिया में बदलते शक्ति संतुलन का संकेत है, जहाँ इज़रायली कब्जाधारी शासन के खिलाफ बढ़ते प्रतिरोध के कारण क्षेत्र में अस्थिरता की स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।

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