अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद भी इज़रायल, बेगुनाहों पर हमले रोकने को तैयार नहीं
इज़रायल -हमास युद्ध तीसरे महीने में प्रवेश कर चुका है, जिसमें इज़रायल में 1200 लोग मारे गए थे। लेकिन ग़ाज़ा में 18,608 फिलिस्तीनी अब तक मारे जा चुके हैं, जिसमें बच्चों और महिलाओं की तादाद सबसे ज्यादा है। ग़ाज़ा में सभी सड़कें, स्कूल, अस्पताल तबाह हो चुके हैं। मारे गए लोगों के शव जहां-तहां अभी पड़े हुए हैं।
वहीं यूएन में युद्ध-विराम प्रस्ताव पारित हो चुका है जिसका भारत ने भी समर्थन किया है। इन सब के बाद भी इजरायल ने युद्ध-विराम से इंकार कर रहा है। अमेरिका के बढ़ते दबाव के बाद इज़रायल ने बुधवार को ग़ाज़ा युद्ध को “अंतर्राष्ट्रीय समर्थन के बिना” भी जारी रखने के अपने दृढ़ संकल्प की घोषणा की है।
वहीं लोगों के एक समूह ने व्हाइट हाउस के सामने बुधवार को मोमबत्ती की रोशनी में प्रार्थना करने जैसा प्रदर्शन किया। उनके हाथों में एक तख्ती थी, जिस पर लिखा था, “राष्ट्रपति बाइडेन, आपका स्टाफ युद्धविराम की मांग करता है।” ऐसा प्रदर्शन पहली बार हुआ है। जोश पॉल, जिन्होंने अमेरिका की “इज़रायल को घातक सहायता” पर अक्टूबर में विदेश विभाग से इस्तीफा दे दिया था, इस कार्यक्रम में मौजूद थे।
ऐसे हालात और अमेरिका की आलोचना के बावजूद, इज़रायल ने हमास के खिलाफ युद्ध जारी रखने का बयान दिया है। विदेश मंत्री एली कोहेन ने कहा, “इजरायल अंतरराष्ट्रीय समर्थन के साथ या उसके बिना हमास के खिलाफ युद्ध जारी रखेगा।”इजरायली मंत्री कोहेन ने कहा- “मौजूदा चरण में युद्ध-विराम हमास के लिए एक गिफ्ट होगा, इससे उसे वापस लौटने और इज़रायल के निवासियों को धमकी देने की अनुमति मिल जाएगी।”
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, जेक सुलिवन, इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मिलने के लिए गुरुवार को इज़रायल पहुंच रहे हैं। युद्ध-विराम के बाद गजा पर शासन कैसे किया जाएगा, इस मुद्दे पर बातचीत के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति के सुरक्षा सलाहकार इज़रायल जा रहे हैं। अमेरिका ने दो देश व्यवस्था लागू करने की बात बार-बार कही है लेकिन नेतन्याहू इसे मानने को तैयार नहीं हैं।