बांग्लादेश: तीसरे दिन भी कर्फ्यू जारी, छात्रों की सरकारी आदेश जारी करने की मांग
ढाका, बांग्लादेश: बांग्लादेश: तीसरे दिन भी कर्फ्यू जारी, छात्रों की सरकारी आदेश जारी करने की मांगकोटे के खिलाफ जारी आंदोलन के छात्र नेताओं के अनुसार, सरकार को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए आदेश जारी करना चाहिए जिसके तहत सरकारी नौकरियों में कोटा 7% कर दिया जाए, जिसमें पूर्व सैनिकों के बच्चों के लिए 5% कोटा भी शामिल है। इससे पहले सरकारी नौकरियों में 56% कोटे ने छात्रों में एक जन आंदोलन को जन्म दिया था जिसके परिणामस्वरूप प्रदर्शनकारियों और सरकारी बलों के बीच हिंसक झड़पें हुई थीं।
स्वास्थ्य स्रोतों के अनुसार, पिछले सप्ताह से जारी हिंसक प्रदर्शनों के दौरान मृतकों की संख्या मंगलवार की सुबह तक 143 तक पहुंच गई है, और हजारों लोग घायल हो चुके हैं। गुरुवार को सरकार ने ब्रॉडबैंड और मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया और देश भर में कर्फ्यू लागू कर दिया। शुक्रवार की रात सेना की तैनाती की गई जो अब तक जारी है।नाराज छात्रों को शांत करने के लिए सरकार ने रविवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसने सरकार को सरकारी नौकरियों में कोटा 7% करने का आदेश दिया है। हालांकि, छात्रों का कहना है कि न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए अभी तक सरकारी आदेश जारी नहीं किया गया है।
कोटे की पृष्ठभूमि और मौजूदा स्थिति
सरकारी नौकरियों में 56% कोटे में से लगभग 30% स्वतंत्रता संग्राम के पूर्व सैनिकों के परिजनों के लिए आरक्षित था। छात्रों का तर्क है कि यह व्यवस्था उनके भविष्य को खतरे में डाल रही है और इसलिए वे इसे समाप्त करने या कम करने की मांग कर रहे हैं। पिछले सप्ताह 56% कोटा सिस्टम के खिलाफ प्रदर्शनों में वृद्धि हुई थी, जिसके कारण सरकार को शैक्षणिक संस्थानों को बंद करना पड़ा।
सरकारी आदेश में देरी और इंटरनेट ब्लैकआउट के कारण बांग्लादेश से खबरें सामान्य रूप से बाहर नहीं आ रही हैं। स्थानीय मीडिया अपनी वेबसाइट्स को अपडेट करने में असमर्थ है, जिससे सूचनाओं का अभाव बना हुआ है। कर्फ्यू लागू होने के बावजूद, छात्र सड़कों पर उतर रहे हैं और सरकारी आदेश जारी करने की मांग कर रहे हैं। आंदोलन की व्यापकता को देखते हुए, ढाका सहित कई बड़े शहरों में यातायात और सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है।
हिंसक झड़पों के दौरान सरकारी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचा है और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने कई छात्रों को हिरासत में लिया है और जगह-जगह बल प्रयोग किया जा रहा है। सरकार और छात्रों के बीच संवाद की कमी के चलते स्थिति में सुधार की संभावना कम दिख रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद, छात्रों का विश्वास नहीं है कि सरकार जल्द ही आदेश जारी करेगी।
बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति न केवल देश के आंतरिक राजनीतिक माहौल को प्रभावित कर रही है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसका प्रभाव देखा जा सकता है। छात्रों की मांगें और सरकार की प्रतिक्रिया आने वाले दिनों में और स्पष्ट होगी, लेकिन फिलहाल स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।